Maharashtra New Governor Ramesh Bais: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के इस्तीफे को राष्ट्रपति भवन की मंजूरी के बाद झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस (Ramesh Bais) को महाराष्ट्र का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है. रमेश बैस का झारखंड में बतौर राज्यपाल कार्यकाल भी विवादों में रहा है. हेमंत सोरेन सरकार के साथ आधे दर्जन से ज्यादा बार सरकार के विजन और सरकार के फैसलों पर राज्यपाल सवाल खड़े कर चुके हैं.
हेमंत सोरेन और उनकी पार्टी ने नेता कई मौके पर राज्यपाल को निशाने पर लेते दिखाई दिए हैं. राज्यपाल रमेश बैस के लिए महाराष्ट्र की नई जिम्मेदारी आसान नहीं रहने वाली है.
विधायकों का मुद्दा रमेश बैस के लिए सिर दर्द साबित हो सकता है?
उद्धव ठाकरे सरकार के वक्त कैबिनेट की मंजूरी से राज्यपाल नियुक्त 12 लोगों के नाम राजभवन भेजे गए थे. लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया. वहीं एकनाथ शिंदे-देवेन्द्र फडणवीस सरकार ने अस्तित्व में आने के बाद सीएम दफ्तर ने MVA सरकार द्वारा दी लिस्ट को रद्द करने की मांग राज्यपाल से की. हालांकि राजभवन ने सीएम दफ्तर के पत्र पर कोई फैसला नहीं लिया. नए राज्यपाल रमेश बैस के सामने राज्यपाल नियुक्त 12 विधायकों पर निर्णय सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होगा जो राज्यपाल को बड़ी निष्पक्षता के साथ लेना होगा.
भगत सिंह कोश्यारी और विवाद?
साल 2019 में महाराष्ट्र के राज्यपाल बनाने के बाद से ही कोश्यारी का विवादों से नाता रहा है. देवेन्द्र फडणवीस और अजीत पवार को 23 नवंबर की सुबह 8 बजे सीएम और डिप्टी सीएम पद की शापत दिलाई. केवल 48 घंटों में फडणवीस की सरकार गिर गई. राज्यपाल कोश्यारी पर आरोप लगे कि उन्होंने अजीत पवार के साथ कितने विधायक हैं ये जाच पड़ताल किए बगैर शपत दिला दी. राज्यपाल के इस फैसले को पक्षपात वाला करार दिया गया. इसके बाद से ही उद्धव ठाकरे की नई सरकार से भी कोश्यारी के रिश्ते खटास भरे ही रहे हैं. ताजा विवाद.. छत्रपति शिवाजी महाराज पर राज्यपाल द्वारा विवादित टिप्पणी करने का रहा है. राजपाल ने कहा, शिवाजी महाराज पुराने जमाने के हीरो रहे हैं.
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