Maharashtra News: तीसरे समन के बाद Param Bir Singh पहुंचे ACB दफ्तर, दर्ज कराया बयान
Param Bir Singh कल दोपहर करीब 12:30 बजे एसीबी दफ्तर अपने वकील के साथ गए थे और अपना बयान दर्ज करवाया.
Maharashtra News, Param Bir Singh: महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने निलंबित पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का बयान दर्ज किया है. सिंह तीसरे समन के बाद अपना बयान दर्ज करवाने एसीबी दफ्तर पहुंचे थे. परमबीर सिंह को एसीबी ने आज यानी 02 फरवरी को उनका बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था, लेकिन सिंह ने 01 फरवरी को ही एसीबी दफ्तर जाकर अपना बयान दर्ज करवा लिया.
परमबीर सिंह कल दोपहर करीब 12:30 बजे एसीबी दफ्तर अपने वकील के साथ गए थे और अपना बयान दर्ज करवाया. एसीबी सूत्रों ने बताया कि सिंह ने अनूप डांगे के आरोपों को खारिज किया है और उनके आरोप को गलत बताया है. एसीबी सूत्रों ने यह भी बताया कि अगर हम उनके बयान से संतुष्ट नहीं हुए, तो वापस से समन कर उन्हें पूछताछ के लिए बुला सकते हैं.
परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप
बता दें कि मुंबई पुलिस में PI रैंक के अधिकारी अनूप डांगे (Anup Dange) ने परमबीर सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. इन्हीं आरोपों की जांच मुंबई एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) कर रही है. महीनों की जांच के बाद अब जाकर मुंबई एसीबी ने परमबीर सिंह को समन भेजकर उन्हें उनका बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया है.
10 जनवरी को पहला समन जारी किया गया
एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हमने उन्हें 10 जनवरी को पहली बार उनका बयान दर्ज करने के लिए समन जारी किया था. उस समय उन्होंने कहा था कि 11 जनवरी को उनकी सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है. इस वजह से वो अपना बयान दर्ज करवाने नहीं आ सकते हैं. एसीबी ने दूसरा समन भेजकर उन्हें 18 जनवरी को बयान दर्ज करवाने के लिए बुलाया था, तब सिंह ने समय की मांग की थी.
जांच के लिए गृह मंत्रालय ने दी थी इजाजत
गौरतलब है कि पुलिस निरीक्षक अनूप डांगे की शिकायत पर जांच के लिए गृह मंत्रालय ने इजाजत दी थी. मामले के बाद पुलिस निरीक्षक बीआर घाडगे ने डीजी कार्यालय को खत लिखकर परमबीर पर भ्रष्टाचार कर करोड़ों रुपये कमाने के आरोप लगाए थे. उन्होंने 14 पन्नों का शिकायत पत्र लिखा था, जिसे मुख्यमंत्री, गृहमंत्री, डीजी कार्यालय और एसीबी को भेजा था.
परमबीर सिंह पर लगाया था ये आरोप
अपनी शिकायत में घाडगे ने परमबीर सिंह पर आरोप लगाते हुए कहा था कि जब वो ठाणे के पुलिस कमिश्नर थे, उस समय अमीर आरोपियों के नाम एफआईआर से निकालने के लिए गलत तरीके से आदेश दिए थे. घाडगे ने शिकायत में कहा कि एक मामले में 22 सरकारी कर्मचारियों के नाम निकालने के आदेश सिंह ने घाडगे को दिया था. उन्होंने सिंह के आदेश को नहीं माना, तो उनके खिलाफ चार फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें पुलिस विभाग से निलंबित कर दिया गया था.
ये भी पढ़ें-