Maharashtra News: महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के ड्रीम प्रोजेक्ट कोस्टल रोड प्रोजेक्ट में बीजेपी नेता आशिष शेलार ने बड़े घोटाले का आरोप लगाया है. शेलार का कहना है कि इस कोस्टल रोड प्रोजेक्ट में लगभग 1000 करोड़ का घोटाला हुआ है. शेलार ने शिवसेना को कटघरे में खड़ा करते हुए सीधा आरोप लगाया कि इतना बड़ा घोटाला शिवसेना और बीएमसी की मिलीभगत के बिना होना संभव नहीं है. शेलार ने इस घोटाले की  एसआईटी (SIT)से जांच कराने की मांग की है.


सरकार के 437 करोड़ के राजस्व का हुआ नुकसान


बीजेपी नेता आशिष शेलार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोस्टल रोड प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज दिखाते हुए कहा कि उनका विरोध इस योजना को रुकवाने के लिए बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि इस योजना में हुए भ्रष्टाचार को सामने लाना उनका मुख्य मकसद है. शेलार ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिस समय बीएमसी ने टेंडर जारी किया था. उसमें कोस्टल रोड़ से गुजरने वाली जगह को मिट्टी भरने का टेंडर 1.75 - 1.99 डेंसिटी का था. लेकिन कॉन्ट्रेक्टर ने रॉयल्टी की चोरी करते हुए इस जगह को 2.5 की डेंसिटी से भरा जिससे सरकार के राजस्व को करीब 437 करोड़ का नुकसान हुआ.


शेलार का कहना है कि दिसंबर 2019 से अक्टूबर 2020 तक करीब 30 लाख टन डेंसिटी खरीदी गई जिससे बीएमसी को इतने बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ. इसके अलावा कॉन्ट्रैक्टर ने 48 करोड़ 41 लाख रुपये का एक अतिरिक्त बिल भी बीएमसी से पास करवा लिया, जिसका काम कभी हुआ ही नहीं था. इस तरह से करीब एक साल के समय में कुल मिलाकर कॉन्ट्रैक्टर ने बीएमसी की करीब 101 करोड़ रुपये की रॉयल्टी की भी चोरी की. इसके अलावा महाराष्ट्र पुलिस ने कोस्टल रोड बनाने वाली कंपनी एलएनटी पर नियमों का उलंघन के चलते करीब 81 करोड़ की पेनल्टी भी लगाई जो उसने आज तक भुगतान नहीं की है.


शेलार का कहना है कि बीएमसी के टेंडर नियमों के मुताबिक मिट्टी को उठाने का रेट 220 रुपये प्रति टन के हिसाब से तय किया गया है, लेकिन कॉन्ट्रैक्टर ने बीएमसी से 596 रुपये प्रति टन के हिसाब से बिल पास करवा लिया. ऐसे में बीएमसी के अधिकारियों के बिना यह घोटाला संभव होता नहीं दिख रहा है.


शिवसेना और BMC के मिली भगत से हुआ घोटाला


बीजेपी नेता आशिष शेलार ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि शिवसेना और बीएमसी के कॉन्ट्रैक्टर की मिलीभगत के चलते घोटाला हुआ है. इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट में घटिया मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है. डीलर का कहना है कि बीएमसी ने कॉन्ट्रैक्टर को 17 करोड़ रुपये तो फर्जी बिल पर ही दे दिए जिसका काम कभी हुआ ही नहीं था. शेलार ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस घोटाले की जांच  SIT से कराने की मांग की है. 


कोस्टल रोड नरीमन प्वाइंट के पास प्रिंस स्ट्रीट फ्लाइओवर से लेकर कांदिवली तक समुद्र के किनारे को पाटकर सड़क बनाने की योजना है ताकि दक्षिण मुंबई को मलाड, कांदिवली, बोरीवली जैसे इलाकों से सीधा सड़क मार्ग से जोड़ा जा सके.


कोस्टल रोड बने के बाद आधे घंटे में पूरा होगा सफर


अभी वेस्टर्न एक्सप्रेसवे के ज़रिए पीक आवर में नरीमन प्वाइंट से बोरीवली जाने में भारी ट्रैफिक रहता है. जिससे इस दूरी को अभी तय करने में 2 घंटे से भी ज्यादा का वक्त लग जाता है. लेकिन बीएमसी का दावा है कि कोस्टल रोड प्रोजेक्ट बन जाने पर इस दूरी को करीब आधे घंटे में तय किया जा सकेगा. इस प्रोजेक्ट के बन जाने के बाद लोकल ट्रेनों में भीड़ कम होगी और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर भी ट्रैफिक कम होगा. 


साल 2018 में 29 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट की लागत 14,000 करोड़ रुपये आंकी गई थी. जबकि इस प्रोजेक्ट को बनाने का ठेका देश की दो बड़ी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनियां HCC और L&T को दिया गया था. कोस्टल रोड प्रोजेक्ट पर काम अक्टूबर 2018 में शुरू हुआ था. पहले फेज में नरीमन पॉइंट से वर्ली तक का काम साल 2022 तक पूरा होना है जबकि पहला भाग यानि प्रिंसेस स्ट्रीट फ्लाइओवर से वर्ली तक का काम 2022 के मध्य तक पूरा होना है, जबकि फेज 2 में बांद्रा से लेकर कांदिवली तक साल 2024 तक काम पूरा करने की योजना है.


शिवसेना ने नहीं दी प्रतिक्रिया 


शेलार के आरोपों पर फिलहाल शिवसेना ने कोई जवाब नहीं दिया है. देखना महत्वपूर्ण होगा कि सीएम उद्धव के ड्रीम प्रोजेक्ट पर लगे आरोपों पर सीएम क्या कदम उठाते हैं. BMC के चुनाव अगले साल होने हैं, उससे पहले BMC की सत्ता पर क़ाबिज़ शिवसेना को बीजेपी हर मोर्चे पर घेरना चाहती है.