Maharashtra News: महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री शिवसेना के हैं, लेकिन फंड मिलने के मामले में महा विकास आघाडी गठबंधन की तीनों पार्टियों में से एक शिवसेना सबसे फिसड्डी है. फंड मिलने के मामले में शिवसेना कांग्रेस से भी पीछे है. शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) फंडिंग के मामले में सबसे आगे है. राज्य में वित्त विभाग एनसीपी के पास ही है.
साल 2020 से 2021 तक के फंड आवंटन के आंकड़ों को देखें तो सबसे ज्यादा विधायक और मुख्यमंत्री पद वाली शिवसेना पार्टी पिछड़ती नजर आ रही है. महा विकास आघाडी सरकार में दूसरे नंबर पर रहने वाली एनसीपी फंड हासिल करने में आगे चल रही है. बड़ी बात यह है कि आदित्य ठाकरे के पर्यावरण विभाग को भी फंड मिलने में मुश्किल हो रही है.
पार्टी और उनको मिले फंड पर एक नज़र
शिवसेना-
विधायक- 56
फंड- 52 हजार 255 करोड़ रुपए
कांग्रेस-
विधायक- 43
फंड- एक लाख 24 करोड़ रुपए
एनसीपी-
विधायक- 53
फंड- दो लाख 24 हजार 411 करोड़ रुपए
फंड के बंटवारे से पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे पर गहरा असर पड़ा है. कुल 420 करोड़ रुपये के आवंटन में से सिर्फ तीन फीसदी यानी 14 करोड़ रुपये ही खर्च किए गए हैं. कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत महा विकास आघाडी सरकार की स्थापन हुई थी. शरद पवार के पास सरकार चलाने का अनुभव है, इसलिए ऐसा लगता है कि तीनों पार्टियों को एकजुट करने से सबसे ज्यादा फायदा एनसीपी को हुआ है.
किस पार्टी ने कितना खर्च किया?
एनसीपी-
प्रावधान- 235349
खर्च- 224411
कांग्रेस-
प्रावधान- 105985
खर्च- 100024
शिवसेना-
प्रावधान- 66249
खर्च- 52255