महाराष्ट्र के अहमदनगर में फर्जी मार्कशीट और आयु प्रमाण पत्र के आधार पर सेना में भर्ती होने के एक बड़े रैकेट का भांडाफोड़ किया गया है. मिलिट्री इंटेलीजेंस (एमआई) की मदद से महाराष्ट्र पुलिस की क्राइम ब्रांच ने दो एजेंट्स को गिरफ्तार किया है. इस मामले में पुलिस को एक स्थानीय स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका संदिग्ध पाई गई है.


जानकारी के मुताबिक, सेना की दक्षिणी कमान की एमआई को इस बात की सूचना मिली थी कि महाराष्ट्र में सेना की अलग-अलग जगहों पर होने वाली रिक्रूटमेंट रैलियों में कुछ उम्मीदवार अलग-अलग नाम, स्कूल दस्तावेजों और आयु प्रमाण पत्रों के आधार पर शामिल हो रहे हैं. ये रिक्रूटमेंट रैलिया सेना में जवानों की भर्तियों के लिए आयोजित की जाती है.


पुलिस ने छापा मारकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया


एमआई की सूचना पर महाराष्ट्र पुलिस ने अहमदनगर के पथराडी इलाके में छापा मारकर दो आरोपियों को गिरफ्तार किया. उनके पास से कम्पयूटर, स्कैनर और भारी मात्रा में फर्जी मार्कशीट, स्कूल छोड़ने के दस्तावेज और आयु प्रमाण पत्र बरामद हुए. इसके अलावा वो डायरी भी बरामद हुई जिसमें वे लोगों से पैसे लेकर ये फर्जी दस्तावेज मुहैया कराकर सेना की रिक्रूटमेंट रैलियों में आवेदन कराते थे.


स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका भी संदिग्ध मिली है


पुलिस को इस मामले में एक स्थानीय स्कूल प्रिंसिपल की भूमिका भी संदिग्ध मिली है. क्योंकि फर्जी स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट (एलसी) के आधार पर प्रिंसिपल अभ्यर्थियों को दसवी की कक्षा में दाखिला देता था. अहमदनगर पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में मामला दर्ज कर तफ्तीश तेज कर दी है.


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