मुंबईः बुधवार को विनायक दामोदर सावरकर की 54वीं पुण्यतिथि के मौके पर बीजेपी और शिवसेना आमने सामने नज़र आई. सदन का कामकाज शुरु होते ही महाराष्ट्र में विपक्षी दल बीजेपी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से सावरकर के सम्मान में विधानसभा में एक प्रस्ताव पेश करने की मांग की, जिसे विधानसभा अध्यक्ष नाना पटोले ने खारिज कर दिया. जिसके बाद भड़की बीजेपी ने शिवसेना पर जमकर निशाना साधा है.


सदन में प्रश्नकाल शुरु होते ही बीजेपी विधायक सुधीर मुंगंटीवार ने सावरकर गौरव प्रस्ताव लाने की सरकार से मांग करते हुए विधानसभा अध्यक्ष नाना पाटोले से अनुमति मांगी. इस प्रस्ताव के बारे में बताते हुए मुंगंटीवार ने कहा 'इस प्रस्ताव की मांग करने के पीछे कोई राजनीति नहीं है. ये स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की इच्छा थी. स्वतंत्रवीर सावरकर की पुण्यतिथि पर उन्हें याद करना सदन की कार्यवाही शुरू करने जितना ही आवश्यक है.' विधानसभा अध्यक्ष ने मुंगंटीवार की इस बात को अनसुना करते हुए प्रश्नकाल जारी रखा. जिसके बाद बीजेपी ने सदन में जमकर हंगामा कर दिया. बीजेपी ने सदन में ज़ोरदार नारेबाज़ी करते हुए विधानसभा अध्यक्ष के समक्ष ही खुद अपने विधायकों की विधानसभा चलाकर सावरकर गौरव प्रस्ताव लाया. इसके साथ ही बीजेपी ने नारेबाज़ी करते हुए शिवसेना पर तंज भी किया. बता दें कि बीजेपी विधायक 'मैं भी सावरकर' लिखी टोपियां पहन कर विधानसभा पहुंचे थे.


महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रस्ताव नहीं लाने को लेकर शिवसेना पर निशाना साधा. उन्होंने कहा 'ये शिवसेना नहीं सत्ता के लिए लाचार हुई 'लाचार सेना' है. इनमें हिम्मत है तो लाकर दिखाए सावरकर गौरव प्रस्ताव.'


बीजेपी की इस मांग को शिवसेना को घेरने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है. क्योंकि शिवसेना ने वैचारिक रूप से विपरीत दल कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिल कर राज्य में सरकार बनाई है. सदन में बीजेपी की मांग का विरोध करते हुए एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि 'बीजेपी की मांग असंवैधानिक है. विधानसभा कामकाज के किसी भी नियम में ये मांग सही नहीं बैठती है.'


अपनी पार्टी को घिरता देख शिवसेना के नेता और कैबिनेट मंत्री अनिल परब ने सदन में कहा 'पहले बीजेपी स्वतंत्रवीर सावरकर को भारत रत्न देने का अपना वादा पूरा करे. पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो बार केंद्र को पत्र लिखकर भारत रत्न देने की मांग की है, लेकिन केंद्र सरकार ने अभी तक उनकी मांग नहीं मानी है.' शिवसेना ने बीजेपी पर सावरकर के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा 'केंद्र में खुद की सरकार होने के बावजूद विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न नहीं दिला रहे हैं. यहां उनके नाम के गौरव प्रस्ताव पर राजनीति कर रहे हैं.' इसे लेकर आदित्य ठाकरे ने बीजेपी को दोमुंहा राजनीति करने वाला बताया है.


दरअसल बीजेपी ये जानती है कि विनायक दामोदर सावरकर के मुद्दे पर कांग्रेस कभी भी शिवसेना के साथ सहमति नहीं दिखाएगी. शिवसेना ने बीजेपी के साथ सत्ता में रहते हुए कई सालों तक सावरकर को भारत रत्न देने की मांग की थी. लेकिन गठबंधन में सत्ता में आने के बाद इस विषय को ज़्यादा महत्व नहीं दिया. बीजेपी इसी को मुद्दा बनाकर हर बार शिवसेना पर निशाना साधती आ रही है.


इससे पहले भी सावरकर मुद्दे पर कांग्रेस और शिवसेना के बीच मतभेद सामने आ चुके हैं. राहुल गांधी ने राम लीला मैदान में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था 'संसद में बीजेपी के नेता मुझसे माफी की मांग कर रहे थे. लेकिन मैं उन्हें बता देना चाहता हूं कि मेरा नाम राहुल सावरकर नहीं है, मैं राहुल गांधी हूं. मैं माफी नहीं मागूंगा.' राहुल गांधी के इस बयान के बाद शिवसेना ने नाराजगी जाहिर की थी. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा था 'पंडित नेहरू, महात्मा गांधी को भी मानते हैं, आप वीर सावरकर का अपमान मत करो. सावरकर महाराष्ट्र ही नहीं, पूरे देश के आदर्श हैं. बुद्धिमान लोगों को ज्यादा बताने की जरूरत नहीं होती है.'


ऐसे में बीजेपी कहीं ना कहीं इसी मुद्दे पर शिवसेना को घेरने की रणनीति बना रही है. जिससे महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार में दरार आ सके.


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