Maharashtra News: महाराष्ट्र के स्वास्थ्य विभाग में एक नई पहल की शुरुआत की गई है, जिसके तहत राज्य के स्वास्थ्य कर्मचारियों का ट्रांसफर और पोस्टिंग करना काफी आसान हो जाएगा. इस पहल के लिए टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए एक सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए ट्रांसफर और पोस्टिंग के लिए जिसका नंबर आएगा, उसका ऑनलाइन ट्रांसफर किया जाएगा.


महाराष्ट्र राज्य स्वास्थ्य विभाग के कमिश्नर धीरज कुमार के मुताबिक, राज्य के तमाम ग्रामीण इलाकों और स्वास्थ्य केंद्रों पर बहुत सारे डॉक्टर और कई स्वास्थ्य कर्मचारी ऐसे थे, जिनका कई सालों से कहीं पर भी उनका ट्रांसफर नहीं हुआ था. जिसकी वजह से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ रहा था. 


इस समस्या को खत्म करने के लिए महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने निर्णय लिया कि ऐसे कर्मचारियों का जिनका सालों से ट्रांसफर नहीं हुआ है, उनका ऑनलाइन पद्धति से ट्रांसफर किया जाएगा. ये महाराष्ट्र में पहली बार एक नई पहल होगी. 


अबतक एक हजार लोगों की पोस्टिंग हुई
धीरज कुमार ने कहा, 'हमने इस पर काम किया, एक सॉफ्टवेयर तैयार किया और जिन कर्मचारियों के ट्रांसफर किए जाने थे, उनको ऑप्शन दिए गए कि आप कहां जाना चाहते हैं. जब यह प्रक्रिया पूरी हो गई तो सॉफ्टवेयर ने अपना काम किया. फेस लेस यानी बगैर किसी के चेहरे वाली तस्वीर के हिसाब से सब के ट्रांसफर किए गए. 


अब तक इस टेक्नोलॉजी से महाराष्ट्र में डॉक्टरों समेत करीब एक हजार स्वास्थ्य कर्मचारियों की ऑनलाइन ट्रांसफर पोस्टिंग की जा चुकी है. हेल्थ विभाग के कमिश्नर धीरज कुमार के मुताबिक, हर साल स्वास्थ्य विभाग वार्षिक आधार पर केवल 5 से 7 प्रतिशत तबादले ही करता था. जबकि विभाग उन्हें 30 प्रतिशत तबादलों तक की इजाजत देता है. 


ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला हुआ आसान 
इसी वजह से पहले काफी अफसर उन्हीं कार्यकालों और अस्पतालों में 20 से भी ज्यादा वर्षों तक काम करते रहते हैं. जिसकी वजह से तमाम अस्पतालों को और वहां आने वाले मरीजों का इसका लाभ नहीं मिल पा रहा था लेकिन महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के आदेश पर इस ऑन लाइन पद्धति से  करीब 20  प्रतिशत तक तबादले किए गए.


स्वास्थ्य कमिश्नर धीरज कुमार के मुताबिक यह टेक्नोलॉजी ज्यादा महंगी भी नहीं है. हमने जिस सॉफ्टवेयर को तैयार किया है उसकी लागत सिर्फ 10 लाख की है. अगर ऐसे ही सॉफ्टवेयर और भी सरकारी विभागों के लिए तैयार किया जाए तो ट्रांसफर पोस्टिंग का मामला बेहद आसान हो सकता है और पारदर्शिता भी बरकरार रहेगी.


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