Osmanabad's name changed to 'Dharashiv': महाराष्ट्र (Maharashtra) में चल रही सियासी उठापटक और कुर्सी संकट के बीच उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. कैबिनेट ने बुधवार यानी 29 जून को उस्मानाबाद शहर (Osmanabad City) का नाम 'धाराशिव' (Dharashiv) कर दिया गया है. उस्मानाबाद का नाम बदलने के बारे में भी शिवसेना (Shiv Sena) दशकों से मुखर रही है. धाराशिव उस्मानाबाद का पुराना नाम है. कहा जाता है कि गांव-देहात में अब भी उस्मानाबाद को लोग धाराशिव ही कहते हैं.


उस्मानाबाद का नाम हैदराबाद के अंतिम शासक मीर उस्मान अली खान के नाम पर रखा गया है, जिसे अब बदलकर धाराशिव कर दिया गया. धाराशिव शहर के पास छठी शताब्दी की गुफाओं के नाम से लिया गया है. धाराशिव गुफाएं उस्मानाबाद शहर से 8 किलोमीटर दूर बालाघाट पर्वत में स्थित हैं. पुरातत्व विभाग द्वारा इन गुफाओं का जिक्र किया गया है और साथ ही जेम्स वर्गीज द्वारा "भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण" पुस्तक में भी धाराशिव गुफाओं का उल्लेख किया गया है.


धाराशिव के बारे में कई कहानियां मशहूर हैं. स्कंद पुराण के अनुसार पहले इस गांव में धरासुर नाम का एक असुर (राक्षस) रहता था. उसके नाम पर ही स्थान का नाम धरासुर के नाम से जाना जाने लगा था. फिर भगवान शिव ने धरासुर की पूजा से खुश होकर अपगार के तौर पर अपार शक्ति दी. वरदान मिलने के बाद धरासुर लोगों को प्रताड़ित करने लगा. जिसके बाद देवी सरस्वती ने धरासुर का वध किया. इसी वजह से सरस्वती को 'धरासुरमर्दिनी' भी कहा जाता है. किंवदंती है कि उनके नाम पर गांव का नाम धाराशिव पड़ा.


बता दें कि महाराष्ट्र सरकार इन शहरों के नाम को बदलने का फैसले ऐसे समय में लिए हैं जब राज्यपाल ने गुरुवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करने के लिए कहा है. बता दें कि पिछले दिनों मंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने शिवसेना में बगावत कर दी थी. उनके खेमे में शिवसेना के करीब 39 विधायक हैं. शिंदे का दावा है कि निर्दलीय को मिलाकर उनके पास 50 विधायक हैं. आज ही उन्होंने दावा किया कि हमारे पास दो-तिहाई से अधिक विधायकों का समर्थन है, किसी भी शक्ति परीक्षण की आवश्यक संख्या से अधिक साबित होंगे.