मुम्बई: महाराष्ट्र में शिवसेना , कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन की महाराष्ट्र विकास आघाड़ी की सरकार का चेहरा तो मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हैं पर इस तीन पहिए वाली सरकार की चाभी शरद पवार के हाथ में है. महाराष्ट्र सरकार की जब भी किरकिरी होती है तो शरद पवार को सफाई देने आना पड़ता है. महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं और उनके ड्राइवर की निर्मम अमानवीय हत्या के बाद मुख्यमंत्री ने 3 दिन बाद बयान दिया था.


आज शरद पवार ने पालघर में सैकड़ों की भीड़ द्वारा क्रूरता से मारे गए 70 साल के बुजुर्ग साधु महाराज कल्पवृक्षगिरी, 35 साल के सुशील गिरी महाराज और 30 साल का निलेश तेलगड़े ड्राइवर की मौत पर कहा कि जो हुआ वो सही नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि, ''पालघर में जो हुआ उसका किसी से सम्बंध नहीं है. उसकी जांच की जा रही है और सीएम ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई के आदेश दिए थे जिसके बाद 100 से ज्यादा लोगों को पकड़ा गया है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग इस घटना के बाद कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े कर रहे हैं. यह वक्त एक साथ लड़ने का है, अगर ऐसी कोई घटना होती है तो सब मिलकर उस वक्त सामना करें यह मैं सबसे विनती करता हूं.'


शरद पवार ने कोरोना से निपटने के लिए सख्ती बरतने का भी सुझाव दिया. उनका कहना है कि मुंबई के परिसर में कठोर नियम की जरूरत है. सोसल डिस्टेंसिंग नहीं दिखाई दे रही है, जिसकी वजह से यह संकट बढ़ रहा है जिसका हमें ध्यान रखना होगा.


रमजान को लेकर शरद पवार ने सभी से अपील की है कि नमाज अपने घरों में पढ़ें और घरों में ही इफ्तारी और शहरी करें. रमजान में बड़ी संख्या में लोग बाहर आते हैं. सरकार की तरफ से बाहर नमाज की छूट नहीं दी गई है और आप सरकार को सहयोग करें. रोजा घर में ही खोलें, रोजे के लिए इकट्ठा होने की जरूरत नहीं है.


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