Maharashtra News, Money Laundering Case: महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) का भी बयान दर्ज किया था. ईडी ने परमबीर सिंह से पूर्व पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को पुलिस सेवा में वापस लेने को लेकर सवाल पूछा, तो सिंह ने बहुत ही चौंकाने वाला जवाब दिया.
परमबीर सिंह ने बताया कि सचिन वाजे को पुलिस सेवा में जून 2020 में वापस लिया गया था. उस समय कई और पुलिस अधिकारी जो निलंबित थे, उन पर फैसला लेने के लिए मुंबई सीपी, कुछ ज्वॉइंट कमिश्नर और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की मीटिंग हुई थी, ये लोग कमिटी के मेम्बर थे.
'गृह मंत्री अनिल देशमुख का दबाव था'
उन्होंने कहा कि उस मीटिंग के दौरान सचिन वाजे को पुलिस सेवा में दोबारा लेने के लिए उस समय के गृह मंत्री अनिल देशमुख का दबाव था. इसके अलावा मुझे सीधे तौर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे से भी इंस्ट्रक्शन आए थे.
सिंह ने बताया कि मुझे इसी तरह के इंस्ट्रक्शन वाजे को क्राइम ब्रांच की पोस्टिंग देने के लिए थे और फिर कोई महत्वपूर्ण यूनिट देने के भी इंस्ट्रक्शन थे. इसके अलावा कुछ महत्वपूर्ण मामलों की जांच का जिम्मा CIU जिसके इंचार्ज सचिन वाझे थे, उन्हें देने के लिए भी मुझे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उस समय के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा था.
उन्होंने कहा कि इन्हीं दोनों की ओर से वाजे को सीधे बुलाकर मामलों की जांच से जुड़ी अपडेट ली जाती थी और उस पर आगे क्या करना है, इसका इंस्ट्रक्शन दिया जाता था. सिंह ने अपने बयान में यह भी आरोप लगाया कि वाजे को पुलिस सेवा में वापस लेने के लिए उससे देशमुख ने 2 करोड़ रुपये की मांग की थी.
'PSI और DCP पोस्टिंग की लिस्ट भी HM देते थे'
परमबीर सिंह ने बताया कि मुंबई पुलिस के भीतर के ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए जो कमिटी बनती है, उसका हेड पुलिस कमिश्नर होता है. इस कमेटी में PSI से लेकर DCP रैंक के अधिकारियों के तबादले पर फैसला लिया जाता है. मुंबई पुलिस के भीतर ट्रांसफर की लिस्ट भी गृह मंत्रालय में बनाई जाती थी और मुझे ये लिस्ट कई बार गृह मंत्री अनिल देशमुख ने खुद सौंपी थी और कई बार उनके PS संजीव पलांडे या उनके OSD रवि व्हटकर ने दी थी. सिंह ने बताया कि उनके कई बार देशमुख ने सह्याद्रि गेस्ट हाउस बुलाया है, जहां पर वे खुद की लिस्ट देते थे और फाइनल करने को कहते थे.
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