महाराष्ट्र के जलगांव जिले से एक शर्मनाक मामला सामने आया है. यहां पुलिस पर आरोप है कि उन्होंने निराधार महिला होस्टल की लड़कियों को निर्वस्त्र कर नाच गाना कराया. फिर इसका वीडियो भी बनाया. ये मामला आज विपक्ष बीजेपी ने विधानसभा में उठाया और दोषी पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की.


गृहमंत्री अनिल देशमुख ने मामले गंभीरता देखते हुए जांच की बात की है. लेकिन विपक्ष गृहमंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुआ और सरकार पर मामले को गंभीरता से न लेते हुए राज्य में कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया. साथ ही बीजेपी के विधायक सुधीर मुनगंटीवार ने महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की.


राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर भड़के नवाब मालिक


मुंगनटीवार के राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग पर भड़कते हुए एनसीपी विधायक नवाब मालिक ने राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग को धमकी बताया. लेकिन विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस मांग का समर्थन करते हुए स्पष्ट किया कि कानून व्यवस्था संभालने में विफल सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करना हमारा अधिकार है.


बता दें कि जलगांव जिले के गणेश कॉलनी इलाके में आशादीप महिला होस्टल चलाया जाता है. ये छात्रावास निराश्रित महिलाओं और लड़कियों को आश्रय और भोजन प्रदान करता है. 1 मार्च 2021 को कुछ पुलिसकर्मी और होस्टल के बाहर से आए पुरुष मंडली होस्टल में पूछताछ करने के बहाने से जबरन घुस गए. होस्टल में अनैतिक काम हो रहा है ऐसी शिकायतें मिलने का उन्होंने आरोप लगाया.


मामले की जांच का आश्वासन


उनमें से कुछ पुलिसकर्मियों ने होस्टल की लड़कियों को खड़ा कर कपड़े उतारने को कहा. इतना ही नहीं उनसे निर्वस्त्र अवस्था में नाच गाना करवाया और वीडियो भी रिकॉर्ड किया. कुछ लड़कियों ने मना करने पर उनको मारने पीटने की धमकी दी गई. इस पूरी घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय सामाजिक संगठन जननायक फाउंडेशन के कार्यकर्ता घटनास्थल पर पहुंचे. लेकिन उन्हें होस्टल के अंदर आने से मना कर दिया. तब लड़कियों ने होस्टल की खिड़की से चीख पुकार कर अपनी दस्ता सुनाई. जिसके बाद संघठन के कार्यकर्ता फिरोज पिंजारी, मंगला सोनवणे, प्रतिभा भालेराव, साहेब पठान, वर्षा लोहार और फारूक कादरी ने जलगाव जिले के कलेक्टर अभिजीत राउत को मामले की शिकायत की. कलेक्टर ने मामले की जांच का आश्वासन दिया.


लेकिन इस चौंकाने वाली घटना के वीडियो इतने वायरल हो गए कि पूरे महाराष्ट्र में इस पर रोष जताया जा रहा है. जिसके चलते महाराष्ट्र में शुरू बजट सत्र में भी इस मामले की गूंज उठी. इस मामले को लेकर विपक्ष ने ठाकरे सरकार में महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाए और सरकार को घेरने की कोशिश की. आखिरकार गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सदन में चार सदस्यीय समिति की घोषणा करते हुए दो दिनों में इस मामले की रिपोर्ट वेश करने के आदेश दिए है. महिला और बाल कल्याण मंत्री यशोमती ठाकुर ने भी कहां है जो भी व्यक्ति इस घटना में दोषी होगा उसे कठोर से कठोर शिक्षा होगी.


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