महाराष्ट्र में कोरोना के मामले बढ़ते देख इस बीमारी में मददगार साबित होने वाले रेमडेसिविर कि धड़ल्ले से कालाबाजारी के मामले सामने आ रहे थे. जिसके बाद अब महाराष्ट्र पुलिस ने एक स्पेशल स्कॉड हर जिले में बनाकर इस पर नकेल लगाने की कोशिश शुरू कर दी है.


एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज को जानकारी दी कि, कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद कालाबाजारी रोकने के लिए बनाई स्पेशल स्कॉड ने अब तक 54 मामले पकड़े हैं. जिसमें आरोपी रेमडेसिविर की अवैध रूप से कालाबाजारी कर रहे थे और जरूरत मंदों को ठगने का काम कर रहे थे.


कैसे काम करता है ये स्पेशल स्कॉड?


सूत्रों ने बताया कि सेशल स्कॉड हर समय सोशल मीडिया को स्कैन करते रहता है, कई बार आरोपी पुलिस जे बचने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लेते हैं ऐसे में इस स्कॉड की एक टीम सोशल मीडिया पर चलने वाले कालाबाजारी पर नजर रखती है.


इस स्कॉड की दूसरी टीम लोगों की शिकायतों पर नजर रखती है जैसे कि अस्पताल और मेडिकल स्टोर के आसपास जिससे उनको पता चलता है कि कौन किस मरीज के परिजन को रेमडेसिविर के लिए संपर्क कर रहा है. साथ ही उसे ब्लैक में बेचने का आश्वासन दे रहा है.


इस स्कॉड की तीसरी टीम ह्यूमन इंटेलिजेंस पर काम करती है, इनके खुद के इन्फॉर्मर होते हैं जिनका ध्यान ऐसे कालाबाजारी करने वालों पर होता है. जैसे ही उन्हें इसकी भनक लगती है वो इसकी जानकारी स्पेशल स्कॉड को देते हैं और फिर स्कॉड उनपर करवाई करती है.


अधिकारी ने बताया कि इससे पहले वे एफडीए के साथ मिलकर उनकी जानकारी के मुताबिक काम करते थे और बढ़ते कालाबाजारी को रोकने के लिए महाराष्ट्र पुलिस को खुद का ही स्पेशल स्कॉड बनाना पड़ा.


कहां-कहां कितनी करवाई की गई?


इस स्कॉड ने अब तक महाराष्ट्र के अलग-अलग जिलों में बीते दो महीनों में 54 करवाई की है. आधिकारिक आंकड़ों की माने तो पुणे में 10 मामले, नागपुर में 11 मामले, औरंगाबाद में 4 मामले, पुणे ग्रामीण, नई मुंबई और जलगांव में 3-3 मामले सामने आए हैं. तो मीरा भायंदर, पिम्परी चिंचवड़, अहमदनगर, लातूर, भंडारा और अकोला में 2-2 मामले सामने आए है. इसके अलावा नाशिक शहर, कोल्हापुर, सांगली, नंदुरबार, बिड, नांदेड़, परभणी, और गोंदिया में 1-1 मामले सामने आए हैं जहां पर रेमडिसवीर की कालाबाजारी की जा रही थी.