20 जनवरी से लेकर 28 अप्रैल 2021 के बीच महाराष्ट्र के अलग-अलग 4 अस्पतालों में लगी आग के कारण लगभग 40 लोगों की जाने गई. हैरानी की बात ये है कि हर आग के पीछे की वजह शार्ट सर्किट बताई गई है.


महाराष्ट्र पुलिस ने अब यह तय किया है कि वो उन सारे अस्पताल वालों को संपर्क कर उन्हें याद दिलाएंगे की "फायर ऑडिट कर लो" और यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि जब तक वो फायर ऑडिट नहीं करा लेता तब तक किया जाएगा.


कब कब हुए थे हादसे?


आपको बता दें कि 20 जनवरी को भंडारा के डिस्ट्रिक्ट अस्पताल में अचानक से शॉर्टसर्किट के चलते एनआईसीयू विभाग में आग लग गई. उस अस्पताल के वार्ड में उस वक्त कोई अस्पताल का कर्मचारी मौजूद नहीं था जिसकी वजह से उस आग में जलकर 10 बच्चों की जाने चली गई थी.


26 मार्च को मूंबई के भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम मॉल में बने सनराइज अस्पताल के कोविड के सेक्शन में अचानक से आग लगी गई थी. यह आग इतनी भयानक थी कि 11 मरीजों ने अपनी जान गवां दी.


23 अप्रैल को पालघर जिले के विरार इलाके में स्थित विजय वल्लभ अस्पताल में अचानक से आग लग गई. यह आग आईसीयू में लगी थी जिसके चलते उस इंटेसिव केयर यूनिट में इलाज करवा रहे 15 मरीजों की जान चली गई.


इसके बाद 28 अप्रैल को ठाणे जिले के मुंब्रा इलाके में स्थित प्राइमा क्रिटिकेयर अस्पताल में आग लग गई और उस दौरान आईसीयू में इलाज करवा रहे मरीजों को दूसरी जगज शिफ्ट करते समय 4 मरीजों ने अपना दम तोड़ दिया था.


कैसे करेगी पुलिस काम?


महाराष्ट्र पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया की उन्होंने सारे बड़े अधिकारियों को सूचना दी है कि वो उनके ज्यूरिडिक्शन में स्थित सारे अस्पतालों के लोगों से मीटिंग करें. साथ ही उन्होंने अपने अस्पताल का फायर ऑडिट कब कराया था और आगे कब करना है या फिर नहीं करवाया इस बात की जानकारी लें.


जैसे ही उन्हें इस बात का पता चल जाये उस समय वो उस अस्पताल वालों को निवेदन करेंगे कि अस्पताल का "फायर ऑडिट करवा लो." अधिकारी ने बताया कि पुलिस के पास इसका पावर नहीं है यह काम लोकल सिविक बॉडी का है पर हम अस्पताल वालों को लगातार याद दिलाते रहेंगे और निवेदन करते रहेंगे कि अस्पताल का "फायर ऑडिट करवा लें"


"इस पहल को शुरू करने के पीछे का मकसद सिर्फ इतना है की भविष्य में दुबारा से कभी भी इस तरह से अस्पताल में आग ना लगे और जहां जिंदगी पाने की आस में लोग जाते है वहां आग में किसी की जिंदगी ना जाए," अधिकारी ने कहा.


अधिकारी ने ये भी कहा कि, हमने यह काम शहरों में कमिश्नर को और जिले स्तर पर सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस को कहा है अब वो लोग अपने हिसाब से यह काम आगे बढ़ाएंगे.


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