Maharashtra Political Crisis: 'इस्तीफा नहीं देना चाहिए था', सुप्रीम कोर्ट के बयान पर उद्धव ठाकरे का जवाब- मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा...
Maharashtra Political Crisis: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र पर फैसला सुनाते हुए कहा कि वह विधायकों की अयोग्ता पर फैसला नहीं ले सकती है. स्पीकर को इसपर जल्द फैसला लेना होगा.
Uddhav Thackeray On Supreme Court Verdict: महाराष्ट्र के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब राज्य में सियासत तेज हो गई है. शिंदे और उद्धव गुट के नेताओं की एक दूसरे को लेकर टिप्पणी पहले से ज्यादा तीखी हो गई है. वहीं, इन सबके बीच पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का बयान भी सामने आ गया है. उन्होंने कहा कि अब असली मायने में लड़ाई शुरू हो गई है. सुप्रीम कोर्ट का फैसला भी आ गया. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई जनता के लिए है. ये लड़ाई देश और राज्य के लिए है.
उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश को गुलाम बनाने वालों को जल्द जेल भेजेंगे. हम संविधान बचाने के लिए लड़ रहे है. राज्यपाल को सत्र बुलाने का अधिकार नहीं था. नैतिकता के तौर पर देखा जाए तो ऐसे लोगों को मेरे पिताजी ने सब कुछ दिया, तो गद्दार लोग मेरे पर अविश्वास लाएं, तो उसका क्या. जैसे मैंने इस्तीफा दिया, वैसे ही इनमें भी अगर थोड़ी सी भी भावना होगी, तो इन दोनों को ( सीएम एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस) इस्तीफा देना चाहिए.
उद्धव ठाकरे के इस्तीफे पर बोला था सुप्रीम कोर्ट
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने उद्धव ठाकरे गुट की उस याचिका पर फैसला सुनाया है, जिसमें शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की गई थी. फैसला सुनाने के दौरान कोर्ट ने कहा कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं देते तो उनकी सरकार वापस आ सकती थी.
शिंदे की बगावत के बाद गिरी थी उद्धव की सरकार
गौरतलब है कि पिछले साल जून में एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के 39 विधायकों को साथ लेकर बगावत कर दी थी. जिसके परिणामस्वरूप पार्टी टूट गई थी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार (जिसमें एनसीपी और कांग्रेस भी शामिल हैं) गिर गई थी. एकनाथ शिंदे ने बाद में बीजेपी के साथ गठबंधन करके महाराष्ट्र में सरकार बनाई थी. शिंदे ने मुख्यमंत्री जबकि बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
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