Maharashtra NCP Political Crisis: महाराष्ट्र में अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत के बाद एनसीपी पर संकट के बादल छाए हुए हैं. इस सियासी घटनाक्रम को लेकर बुधवार (5 जुलाई) को भी काफी हलचल रही. एनसीपी (NCP) के दोनों गुटों ने अपनी शक्ति का प्रदर्शन करते हुए अलग-अलग बैठक की. इस दौरान जुबानी जंग भी देखने को मिली. जानिए इस मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के नेतृत्व में मुंबई के एमईटी बांद्रा में बैठक हुई. इस दौरान अजित पवार ने कहा कि मैंने पांच बार डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली है. ये एक रिकॉर्ड है, लेकिन गाड़ी यहीं रूक गई है, आगे नहीं बढ़ रही. मुझे तहेदिल से ऐसा लगता है कि मुझे राज्य का प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना चाहिए. मेरे पास कुछ प्लान हैं जिन्हें मैं कार्यान्वित करना चाहता हूं और उसके लिए प्रमुख (मुख्यमंत्री) बनना जरूरी है. 


2. अजित पवार ने अपने गुट की बैठक में कहा कि बीजेपी में नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं. आप (शरद पवार) कब होने जा रहे हैं. हर किसी की अपनी पारी होती है. सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की आयु तक होता है. हमारे लिए साहेब (शरद पवार) देवता तुल्य हैं और हमारे मन में उनके लिए काफी सम्मान है. 


3. अजित पवार ने शरद पवार पर 2004 में एनसीपी का मुख्यमंत्री बनाने का मौका गंवाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि 2004 में हमारे पास कांग्रेस से ज्यादा विधायक थे, लेकिन हमारे वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद लेने दिया. राज्य में 2004 के विधानसभा चुनाव में एनसीपी को कांग्रेस से दो सीट ज्यादा मिली थी, लेकिन कांग्रेस के विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री बने थे.


4. शरद पवार ने भी दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर में अपने गुट की बैठक को संबोधित करते हुए अपने भतीजे पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अगर वो उधर चले गए हैं तो मेरी तस्वीर का इस्तेमाल क्यों कर रहे हैं. मैं अपनी पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न उनके हाथों में नहीं जाने दूंगा. पार्टी का चुनाव चिह्न हमारे पास है, वह कहीं नहीं जाएगा. 


5. एनसीपी चीफ ने कहा कि अगर अजित पवार को कोई समस्या थी तो उन्हें मुझसे बात करनी चाहिए थी. अगर उनके मन में कुछ था तो वह मुझसे संपर्क कर सकते थे. वहीं शरद पवार की बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने अजित पवार पर पलटवार करते हुए कहा कि कोई मेरी या किसी अन्य व्यक्ति की आलोचना कर सकता है, लेकिन मैं अपने पिता के खिलाफ इसे कतई बर्दाश्त नहीं करूंगी. वह पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए पिता से भी बढ़कर हैं.


6. इस बीच अजित पवार गुट ने शरद पवार को एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटा दिया. अजित पवार के नेतृत्व वाले गुट की ओर से बुधवार को जारी एक बयान के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को एक हलफनामे के जरिए सूचित किया गया है कि अजित पवार को बीती 30 जून को एनसीपी के सदस्यों के बहुमत की ओर से हस्ताक्षरित एक प्रस्ताव के माध्यम से एनसीपी प्रमुख चुना गया है. 


7. अजित पवार के साथ एनसीपी के 53 में से 32 विधायकों का समर्थन है. जबकि शरद पवार के साथ 18 विधायक हैं. तीन विधायक अभी किसी भी गुट के साथ नजर नहीं आ रहे. इसी बीच शरद पवार ने गुरुवार (6 जुलाई) को दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. शरद पवार सुबह 10 बजे मुंबई से दिल्ली के लिए रवाना होंगे. बैठक में अजित पवार के खिलाफ प्रस्ताव पास हो सकता है.  


8. अजित पवार को सरकार में शामिल करने पर सीएम शिंदे की पार्टी में भी विरोध के सुर उठने लगे हैं. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अजित पवार के साथ आने से शिवसेना और बीजेपी दोनों के विधायकों में नाराजगी है. हमें किसी और की जरूरत नहीं थी. अब हमारे अपने लोगों के बीच में असमंजस की स्थिति है. सीएम को हमने इस बारे में बता दिया है. उन्होंने कहा कि सीएम और उपमुख्यमंत्री दोनों ने हमें आश्वस्त किया है कि सभी के साथ न्याय होगा. 


9. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने पहले ही कहा है कि एकनाथ शिंदे ही राज्य के मुख्यमंत्री रहेंगे. वे अच्छा काम कर रहे हैं, उनको बदलाव की जरूरत नहीं है. हमारे नेता एकनाथ शिंदे हैं और वही मुख्यमंत्री रहने वाले हैं. महाराष्ट्र के मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि सीएम शिंदे के इस्तीफे का सवाल ही नहीं उठता. हमारे पास 200 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है. कोई भी नेता नाराज नहीं है और सभी को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व पर भरोसा है.


10. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी बुधवार को बैठक की. जिसमें आने वाले चुनावों को लेकर मंथन किया गया. महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने मीडिया में मुख्यमंत्री शिंदे के इस्तीफे को लेकर चल रही खबरों का खंडन किया. उन्होंने साफ किया कि एकनाथ शिंदे ही सीएम रहेंगे. शिंदे गुट में नाराजगी पर उन्होंने कहा कि कोई भी नाराज नहीं है. हमारी आज की बैठक में अपने संगठन को मजबूत करने के आदेश दिए गए हैं. कैबिनेट का विस्तार जल्द होगा. हमारे तीनों दल के नेता मिलकर सभी महत्वपूर्ण फैसला लेंगे. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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