(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Political Crisis: सरकार गिरी तो महाराष्ट्र में BJP के पास हैं ये 5 विकल्प, कानून से लेकर गठजोड़ तक जानिए सभी सियासी समीकरण
Maharashtra Political Equation: बीजेपी के पास बागियों की सदस्यता रद्द होने पर भी सरकार बनाने के लिए कानूनी रास्ता मौजूद है. इसके लिए बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर कोर्ट का रास्ता खुला हुआ है.
Maharashtra Political Crisis Latest Update: महाराष्ट्र में अघाड़ी सरकार गिरी तो इसका सीधा फायदा बीजेपी (BJP) को होगा. बीजेपी राज्य में बागी विधायकों और अन्य के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश करने में कामयाब हो जाएगी. हालांकि बड़ा सवाल ये है कि बीजेपी (BJP) कैसे राज्य में सरकार बनाएगी. नई सरकार के क्या विकल्प अभी बागी विधायकों के पास उपलब्ध हैं? महाराष्ट्र में बीजेपी के पास सम्भावित विकल्प ये हैं.
विकल्प-1
बीजेपी (BJP) के पास पहले ही 106 सीटें हैं. ऐसे में अगर बीजेपी को शिवसेना (Shiv Sena) के बागी 38 विधायकों का समर्थन मिलता है और राज्य के अन्य अलग-अलग छोटे दलों का साथ मिलता है तो बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. दल बदल कानून संशोधन 2003 के मुताबिक बीजेपी की सरकार बनाने के लिए शिवसेना के बागी विधायक दो तरह से समर्थन दे सकते हैं. पहला शिवसेना से अलग हुए विधायकों का अलग गुट बना कर बीजेपी (BJP) को समर्थन देकर सरकार बना सकते हैं. दूसरा विकल्प शिवसेना के बागी विधायक बीजेपी में अपने गुट का विलय कर दें, हालांकि एकनाथ शिंदे बागी विधायकों के विलय से साफ इनकार कर चुके हैं.
विकल्प- 2
बीजेपी के पास बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर भी सरकार बनाने के लिए कानूनी रास्ता मौजूद है. इसके लिए बागी विधायकों की सदस्यता रद्द होने पर कोर्ट का रास्ता खुला हुआ है. ठीक ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट वर्ष 2016 अरुणाचल प्रदेश विधानसभा के उपाध्यक्ष के विधायकों की सदस्यता रद्द करने के फैसले को रद्द कर चुका है. कोर्ट ने उस वक्त फैसला दिया था कि विधानसभा उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेंडिंग है तो वे विधायकों की सदस्यता रद्द करने का फैसला नहीं ले सकते हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट से राहत पाकर बीजेपी और शिवसेना के बागी विधायक निर्दलीय और अन्य छोटे दलों के साथ मिलकर सरकार बना सकते हैं.
विकल्प-3
एक और विकल्प उभरकर सामने आ रहा है, वो है कि बीजेपी और संयुक्त शिवसेना मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश कर दें. ये तभी सम्भव है जब उद्धव ठाकरे झुक जाएं और शिवसेना और शिवसेना के बागी विधायक फिर से एक साथ आ जाएं, ऐसी सूरत में एक साथ मिलकर शिवसेना के फिर से 54 विधायक हो जाएंगे. ऐसे में बीजेपी और शिवसेना अगर साथ मिल जाते हैं तो बीजेपी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. हालांकि ऐसा होने के आसार न के बराबर हैं, लेकिन ऐसा भी हो सकता है इससे इंकार भी नहीं किया जा सकता है.
विकल्प-4
राजनीति संभावनाओं का खेल है, इसलिए कई बार नामुमकिन दिखने वाले फैसले और गठबंधन बनते भी देखे गए हैं. ऐसे ही एक विकल्प के रूप में बीजेपी, NCP और शिवसेना के बागी विधायक मिलकर भी सरकार बनाने का दावा पेश कर सकते हैं. बीजेपी के पास 106 विधायक हैं, NCP के पास 53 विधायक हैं तो वहीं शिवसेना के 38 बागी विधायक हैं. हालांकि ये उम्मीद कम ही है कि NCP बीजेपी का साथ देगी.
विकल्प-5
एक अन्य विकल्प नई सरकार के गठन का है, जो फिलहाल असम्भव दिख रहा है. महाविकास अघाडी की सरकार इस्तीफा दे दे तो ऐसे में नई सरकार के गठन के लिए राज्यपाल की भूमिका सीधे तौर पर शुरू हो जाएगी. ऐसे हालात में राज्यपाल नई सरकार बनाने के लिए बीजेपी को आमंत्रित कर सकते है, क्योंकि बीजेपी राज्य का सबसे बड़ा दल है और फिर बीजेपी और शिवसेना के बागी विधायक मिलकर सरकार बना सकते हैं. कुल मिलाकर आने वाले समय में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी का किरदार बेहद अहम होने जा रहा है. वे फिलहाल कोरोना से पीड़ित हैं और अस्पताल से लौटने के बाद अपना कामकाज फिर से शुरू करेंगे. किसी भी हालात में सरकार बनेगी तो बहुमत का फैसला विधानसभा में ही होगा और फिलहाल बहुमत का आंकड़ा बीजेपी और शिवसेना के बागियों के पास हाई दिखाई दे रहा है.
2019 में ठाकरे के नेतृत्व में बनी थी सरकार
महाराष्ट्र में नवंबर 2019 में ठाकरे के नेतृत्व में NCP, कांग्रेस और शिवसेना की साझा सरकार बनी थी. शिवसेना और बीजेपी का पुराना रिश्ता रहा है. दोनों सहयोगी दल रहे हैं, लेकिन 2019 में बीजेपी उद्धव ठाकरे को सीएम नहीं बनाना चाह रही थी, जिसके बाद शिवसेना ने बीजेपी से नाता तोड़ लिया था. अगर बीजेपी के सरकार बनाने के समीकरणों की बात करें तो महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटों पर बीजेपी के पास 106 विधायक हैं. शिवसेना के 55, NCP के 53, कांग्रेस के 44, बहुजन विकास अघाडी के पास 3, समाजवादी पार्टी, AIMIM और प्रहार जनशक्ति पार्टी के पास दो-दो और मनसे, माकपा, राष्ट्रीय समाज पक्ष, स्वाभिमानी पार्टी, जनसुराज्य शक्ति और क्रांतिकारी शेतकारी के पास एक-एक विधायक हैं.
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