Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में हाईवोल्टेज सियासी ड्रामा जारी, क्या अब उद्धव ठाकरे को छोड़नी पड़ेगी सीएम की कुर्सी?
Maharashtra Politics News: महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच उद्धव ठाकरे सरकारी बंगला छोड़ अपने परिवार और सामान के साथ मातोश्री में शिफ्ट हो गए हैं. उधर बागी विधायकों का गुवाहाटी में जमावड़ा है.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी ड्रामा जारी है. शिवसेना टूट की कगार पर है और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के बागी तेवर बरकरार हैं. इस बीच प्रदेश के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने पार्टी बचाने के लिए इमोशनल दांव चल दिया है. प्रदेश में जारी सियासी शह और मात के खेल के बीच उद्धव ठाकरे ने सरकारी बंगला छोड़ दिया है. उद्धव ठाकरे अपने परिवार और पूरे सामान के साथ सीएम आवास छोड़कर मातोश्री (Matoshree) में शिफ्ट हो गए हैं. वहीं मातोश्री के बाहर शिवसैनिकों ने उन्हें समर्थन देने के लिए नारे भी लगाए.
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के सत्तारूढ़ सहयोगी कांग्रेस और शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने सुझाव दिया है कि विद्रोही एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में नामित किया जाए. वही बागी विधायक सूरत से गुवाहाटी पहुंच गए हैं.
क्या एकनाथ शिंदे होंगे मुख्यमंत्री?
महाराष्ट्र में सियासी उठापटक के बीच उद्धव ठाकरे सरकारी बंगला छोड़कर हुए अपने पूरे परिवार और सामान के साथ मातोश्री में शिफ्ट हो गए हैं. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सरकारी आवास के बाद क्या उद्धव ठाकरे सीएम की कुर्सी भी खाली करेंगे. उद्धव ने कल खुद अपने इस्तीफे की पेशकश भी की थी. कयास लगाए जा रहे हैं कि विद्रोही एकनाथ शिंदे प्रदेश के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठना चाहते हैं. शिंदे अपने साथ कुल 46 विधायकों के होने का दावा कर रहे हैं.
संजय राउत ने क्या कहा?
एकनाथ शिंदे की बगावत की वजह से उद्धव सरकार की मुश्किलें बढ़ गई हैं. सरकार गिरने की संभावना बढ़ गई. हालांकि फिलहाल मिल रही जानकारी के मुताबिक उद्धव ठाकरे मातोश्री से सरकारी कामकाज संभालेंगे. शिवसेना सांसद संजय राउत का कहना है कि उद्धव ठाकरे किसी भी हाल में इस्तीफा नहीं देंगे, जरूरत पड़ी तो वो बहुमत साबित करेंगे.
उद्धव ठाकरे ने क्या कहा था?
बहरहाल उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) समझ गए है कि बाजी हाथ से निकल चुकी है. शिवेसेना (Shiv Sena) में फूट के बीच ठाकरे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. उन्होंने कल कहा था कि अगर मेरे अपने लोग मुझे मुख्यमंत्री के रूप में नहीं चाहते हैं, तो उन्हें मेरे पास आना चाहिए और ऐसा कहना चाहिए. मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं. मैं बाला साहेब का बेटा हूं और मुझे किसी पद की लालसा नहीं है. साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी कह दे तो वो अध्यक्ष पद भी छोड़ने को तैयार हैं.
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