मुंबई: कांग्रेस (Congress) नेता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) राजनैतिक अस्थिरता से गुजर रहा है और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) सरकार पर खतरा मंडरा रहा है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी उद्धव ठाकरे के साथ है. पूर्व शिवसैनिक रहे निरुपम ने कहा कि शिवसेना उसकी ही होगी जहां ठाकरे होंगे. बड़ा गुट बनाकर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) खड़े हो सकते है पर शिवसेना ठाकरे की ही होगी. शिवसेना भावनात्मक लोगों की पार्टी है और पार्टी बाला साहेब के वारिस की ही होगी.
कांग्रेस नेता ने कहा, “यह शिवसेना के इतिहास में सबसे बड़ी बगावत है. मुझे यह समझ नहीं आता कि मुख्यमंत्री के नाक के नीचे से मंत्री, दो तिहाई विधायक निकल गए लेकिन उन्हें खबर नहीं हुई, यह कैसे सम्भव है. इसकी समीक्षा करनी चाहिए.” उन्होंने कहा कि ऐसे विद्रोह से सवाल खड़े होते है. गृह मंत्रालय NCP के पास है तो क्या CM को यह नहीं बताया गया था?
‘शिवसेना के अपमानजनक स्थिति’
निरुपम ने कहा, “यह शिवसेना और उद्धव ठाकरे के लिए अपमानजनक स्थिति है. MLC चुनाव में 12 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी तब ही समझ जाना चाहिए था की बगावत होने वाली है.” उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता शिवसेना के बड़े नेताओ की मिलीभगत है.
‘बिना बीजेपी के यह संभव नहीं’
बीजेपी पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, “बिना बीजेपी के यह संभव नहीं है. ऐसा हो नहीं सकता की बिना योजना के यह बगावत हो जाए.” उन्होंने कहा कि यह बीजेपी की हिपोक्रेसी है. ED का दुरुपयोग होता रहा है. जहां चुनाव वहां ED पहुंच जाती है.
‘उद्धव को दरबारी कल्चर से दूर रहना होगा’
निरुपम ने कहा, “कोविड और बीमारी की वजह से मुख्यमंत्री और विधायकों के बीच संवाद टूटा और उसका फायदा एकनाथ और विरोधियों ने उठाया. अभी उद्धव ठाकरे कष्ट में है इसलिए उनपर टिप्पणी नहीं करूंगा पर उद्धव दरबारी कल्चर से दूर रहे और पार्टी से संवाद करे वरना ऐसी स्थिति पैदा होगी.”
‘सीएम के बंगले से निकलने का दृश्य भावुक था’
मुख्यमंत्री का वर्षा बंगले से निकलना यह तस्वीर भावुक थी. शिवसेना (Shiv Sena) का नेतृत्व भावनात्मक खेल खेलता है. वर्षा बंगले पर वही रहेगा जो बहुमत में होगा. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को इस्तीफ़ा देना है या नहीं यह तीनों दल तय करेंगे.
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