Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में पिछले कुछ सालों में कई सियासी उलटफेर देखने को मिले हैं. ताजा मामला एनसीपी से जुड़ा है, जहां शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने बगावत कर पार्टी को तोड़ दिया और बीजेपी के साथ सरकार में शामिल हो गए. फिलहाल उन्हें डिप्टी सीएम का पद दिया गया है. कहा जा रहा है कि महाराष्ट्र की इस पूरी स्क्रिप्ट की किसी को भी भनक तक नहीं लगने दी गई. हालांकि इस पूरे खेल से कुछ ही दिन पहले महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम और बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस ने इसके संकेत दे दिए थे. जहां उन्होंने शरद पवार का जिक्र कर कहा था कि पवार अपनी बेटी सुप्रिया सुले को विरासत सौंपना चाहते हैं. 


फडणवीस ने वंशवाद का किया जिक्र
महाराष्ट्र की सियासत में तूफान आने से पहले 29 जून को न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने कहा, एनसीपी नेता शरद पवार ने अपनी विरासत को सौंपने के लिए अपनी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले को सबसे आगे रखा है. इस दौरान फडणवीस ने वंशवाद का जिक्र करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय राजनीति में इसके प्रभाव को कम कर दिया है. 


फडणवीस ने की शरद पवार की तारीफ
इस इंटरव्यू में देवेंद्र फडणवीस ने शरद पवार की तारीफ करते हुए कहा कि विपक्षी एकजुटता के वो सबसे बड़े नेता हैं, उन्होंने सभी विपक्षी दलों को एक साथ लाने में काफी अहम भूमिका निभाई. जो पार्टियां एक दूसरे के आमने-सामने नहीं आतीं, उन्हें एक साथ लाने के पीछे पवार साहब हैं. विपक्षी एकता के संचालक भी शरद पवार ही हैं. फडणवीस ने आगे कहा कि तबीयत ठीक नहीं होने के बावजूद वो फिट हैं और कई जगहों का दौरा करते हैं. वो राजनीतिक तौर पर पूरी तरह से सतर्क हैं और उनकी गिनती उन नेताओं में होती है, जो हर तरफ से राजनीति को समझते हैं. 


'हम वंशवाद की राजनीति के खिलाफ'
इसी दौरान देवेंद्र फडणवीस ने वंशवाद का जिक्र किया और कहा कि अपनी विरासत को सौंपने की प्रक्रिया शरद पवार ने शुरू कर दी है. उन्होंने सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया, हालांकि ड्राइविंग सीट पर अभी पवार ही बैठे हैं. फडणवीस ने कहा कि योग्यता के आधार पर ही लोगों को प्रमोट करना चाहिए. 


उन्होंने कहा, हम किसी नेता के बेटे या फिर बेटी के राजनीति में आने या किसी पद तक पहुंचने का विरोध नहीं करते हैं. हमारा कहना सिर्फ इतना है कि कोई भी व्यक्ति किसी ऊंचे पद पर इसलिए नहीं पहुंचना चाहिए क्योंकि वो किसी बड़े राजनेता का बेटा है. इसके बावजूद अयोग्य या कम क्षमता वाले लोगों को पदोन्नत किया जाता है, हम इसी तरह की वंशवादी राजनीति के खिलाफ हैं. ऐसी राजनीति में सरकार लोगों की नहीं बल्कि एक ही परिवार की सेवा करती है. 


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