Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में उठे सियासी तूफान के बीच बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) अपनी नई पार्टी बनाने की कोशिशों में जुट गए हैं. बताया जा रहा है कि शिंदे ने अपनी पार्टी का नाम शिवसेना बालासाहब (Shiv Sena Balsaheb) तय किया है. शिंदे ने नई पार्टी बनाने के बारे में तो सोच लिया है, लेकिन इस फैसले से जुड़े कई पहलू और हैं जिनके बारे में जानना जरूरी है. नियमों के अनुसार दल-बदल विरोधी कानून में साफ कहा गया है कि अगर कोई विधायक अपने पार्टी के व्हिप के खिलाफ जाकर सदन में मतदान करता है तो पार्टी की शिकायत पर विधानसभा के अध्यक्ष या उपाध्यक्ष उसको सदस्यता से अयोग्य ठहरा सकते हैं.
हालांकि अगर पार्टी के दो तिहाई सदस्य एक साथ हैं और वह पार्टी के आधिकारिक आदेश का उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं हो सकती. वे नई पार्टी का गठन कर सकते हैं या किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं. अगर बागी विधायकों का नेतृत्व करने वाले एकनाथ शिंदे को लगता है कि उनके साथ पार्टी के दो तिहाई विधायक हैं तो इसके लिए उन्हें राज्यपाल या महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखना होगा. इस पर संज्ञान लेते हुए राज्यपाल या विधानसभा के उपाध्यक्ष मुख्यमंत्री को सदन में बहुमत साबित करने का आदेश दे सकते हैं.
कैसे होगा नई पार्टी का गठन?
एकनाथ शिंदे की तरफ से दावा किया जा रहा है कि वह बागी नहीं है बल्कि उनके साथ अधिकतर विधायक हैं इसीलिए विधायक दल के नेता पद पर अजय चौधरी की नियुक्ति असंवैधानिक है. बता दें कि, विधानसभा के उपाध्यक्ष ने शिवसेना के विधायक दल के नेता के पद पर अजय चौधरी की नियुक्ति के निवेदन को अपनी मंजूरी दे दी है. साथ ही, शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे हैं, अब अगर शिंदे असली शिवसेना होने का दावा करते हैं, तो उन्हें पार्टी और उसका चुनाव चिह्न पाने के लिए चुनाव आयोग के पास शिकायत करनी होगी. हालांकि नियमों के अनुसार पहले अलग गुट को मान्यता मिलनी जरूरी है. उसके बाद ही पार्टी के नाम और मान्यता के लिए चुनाव आयोग तक जाना होगा. ये सब करने के बाद ही नई पार्टी का गठन किया जा सकता है.
शिवसेना ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र
ताजा घटनाक्रम पर नजर डालें तो शिंदे के द्वारा नई पार्टी बनाने की चर्चा के बाद शिवसेना ने चुनाव आयोग को पत्र लिखा है. इसमें कहा गया कि किसी को भी शिवसेना या बालासाहेब ठाकरे के नाम का इस्तेमाल करने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए. वहीं बागी विधायक दीपक केसरकर ने बताया कि शिंदे गुट के विधायकों ने शनिवार को अपने ग्रुप का नाम शिवसेना बालासाहेब रखा है. हमें पहले मान्यता मिले फिर हम मुंबई आएंगे. इसके लिए उनकी तरफ से डिप्टी स्पीकर को चिट्ठी लिखी गई है.
बागियों को डिप्टी स्पीकर की तरफ से नोटिस जारी
इस बीच शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों को डिप्टी स्पीकर की तरफ से नोटिस जारी कर दिया गया है. नोटिस के मुताबिक बागियों को 27 जून तक जवाब दाखिल करने को कहा गया है. गौरतलब है कि शिवसेना की तरफ से शिंदे (Eknath Shinde) समेत कुल 16 बागी विधायकों को निलंबित करने का डिप्टी स्पीकर से अनुरोध किया गया था. वहीं इस नोटिस पर शिंदे गुट की तरफ से कहा गया कि हम शिवसेना से बाहर नहीं निकले, हम शिवसेना में ही हैं. हमारे पास दो तिहाई बहुमत है. हमें दल बदल कानून से डराने की कोशिश ना करें. हम डिप्टी स्पीकर के निर्णय को कोर्ट में चुनौती देंगे.
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