मुंबई: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बीजेपी को सरकार बनाने का न्योता दिया है. 11 नवंबर को शाम 8:00 बजे तक कार्यवाहक मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को राज्यपाल के सामने बहुमत के आंकड़े के सबूत पेश करने होंगे. फडणवीस को या तो 145 विधायकों की परेड राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने करानी होगी या फिर 145 विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल कोश्यारी को देनी होगी.
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बता दें कि 24 अक्टूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे. बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. जबकि उसके साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही शिवसेना 56 सीटें जीतकर दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी. एनसीपी 54 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर तीसरे नंबर पर रही थी और 44 विधानसभा सीटें जीतकर कांग्रेस चौथे स्थान पर रही थी. लेकिन शिवसेना ने लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के साथ तय हुए 50-50 के फार्मूले के आधार पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री का दावा ठोक दिया था. शिवसेना का मुख्यमंत्री पहले ढाई साल के लिए बने, इस जिद पर शिवसेना अड़ गई थी. हालांकि बीजेपी नेताओं ने यह साफ कर दिया था कि 50-50 का जो फार्मूला तय हुआ था उससे मुख्यमंत्री का पद बाहर था.
शिवसेना लगातार अपनी मांग पर अड़ी रही और आखिरकार शुक्रवार की शाम को देवेंद्र फडणवीस राज्यपाल को जाकर अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उसके बाद से माना जा रहा था कि या तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो जाएगा या फिर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस मिलकर सरकार बना लेंगे. आज सुबह जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ करते हुए फैसला सुनाया उसके बाद शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर कहा, "पहले मंदिर फिर सरकार अयोध्या में मंदिर महाराष्ट्र में सरकार."
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लेकिन शाम होते होते खेल बदल गया. राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने देवेंद्र फडणवीस को 11 नवंबर शाम 8:00 बजे तक बहुमत का आंकड़ा या विधायकों के समर्थन की चिट्ठी राज्यपाल के सामने पेश करने के लिए कहा है. सबसे बड़ी पार्टी के मुखिया के तौर पर राज्यपाल ने पहले सरकार बनाने का मौका देवेंद्र फडणवीस को दिया है. अब अगले 2 दिन में यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र में दोबारा से देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हो पाते हैं या फिर गैर बीजेपी का गठबंधन की सरकार बनेगी या राष्ट्रपति शासन लागू होगा. फिलहाल यह शिवसेना के लिए बड़ा झटका है और देवेंद्र फडणवीस के पास फिर से सरकार बनाने का एक बड़ा मौका है.
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