Maharashtra NCP Crisis: बगावत के बाद अब सियासत, शरद पवार और अजित पवार करेंगे अलग-अलग मीटिंग
एनसीपी नेता अजित पवार की सियासी बगावत के बाद बुधवार को दोनों धड़ों ने अपने-अपने गुट के नेताओं की मीटिंग बुलाई. राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि इस बैठक के बाद ही पता चल पाएगा कि आखिर कौन ताकतवर है.
Maharashtra NCP Political Crisis: महाराष्ट्र की राजनीति में बीते दो दिनों से भतीजे अजित पवार की एनसीपी प्रमुख और चाचा शरद पवार से सियासी बगावत के बाद माहौल गर्माया हुआ है. बीते रविवार (2 जुलाई) को देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे महाराष्ट्र में तब बवाल मच गया जब अजित पवार ने कुल 9 साथी विधायकों के साथ बीजेपी-शिवसेना की एकनाथ शिंदे सरकार में राजभवन जाकर शपथ ग्रहण कर ली और राज्य के डिप्टी सीएम बन गए.
इसके बाद से ही राज्य में राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार और बीते कई सालों से एनसीपी की ही संगठानात्मक राजनीति में सक्रिय अजित पवार दोनों ने विधायकों को बुधवार (5 जुलाई) को मीटिंग के लिए बुलाया है. राजनीतिक विशेषज्ञों के कयास हैं कि एनसीपी के इन दो धड़ों की बैठक के बाद पता चल जाएगा कि आखिर कौन से गुट में ज्यादा ताकत है.
कब होगी दोनों नेताओं की बैठक
दोनों गुट के पदाधिकारियों ने बताया कि एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने अपने खेमे में शामिल नेताओं की बुधवार दोपहर एक बजे बैठक बुलाई है, जबकि शिंदे-फडणवीस सरकार का हिस्सा बनने वाले अजित पवार नीत गुट की बैठक सुबह 11 बजे होगी.
अजित पवार, छगन भुजबल, दिलीप वाल्से पाटिल और हसन मुश्रीफ सहित नौ विधायकों की बगावत से रविवार को पार्टी में हुई टूट के बाद यह दोनों गुटों के सभी पदाधिकारियों की पहली बैठक होगी. दोनों गुटों ने दावा किया है कि उन्हें ज्यादातर विधायकों का समर्थन हासिल है.
वहीं महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि फिलहाल उनको यह नहीं पता लग सका है कि एनसीपी महाराष्ट्र में शिवसेना-बीजेपी का हिस्सा है या वह अब भी विपक्ष में है. उन्होंने कहा, मुझे एनसीपी विधायक जयंत पाटिल से केवल एक याचिका मिली है, जिसमें नौ विधायकों (अजित पवार और उनके साथ मंत्री पद की शपथ लेने वाले आठ अन्य राकांपा विधायक) को अयोग्य घोषित करने की मांग की गई है. उन्होंने बताया कि एनसीपी के किसी अन्य नेता की ओर से कोई लिखित सूचना नहीं आई है.