Shiv Sena MLA Mahesh Shinde: महाराष्ट्र में बागी एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के चलते शिवसेना (Shiv Sena) बिखरती नजर आ रही है तो वहीं महाविकास अघाड़ी सरकार (MVA) पर सियासी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. इस बीच शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे (Mahesh Shinde) ने डिप्टी सीएम अजीत पवार (Ajit Pawar) पर निशाना साधा और कहा कि वो मुख्यमंत्री की बात भी नहीं सुनते थे. उन्होंने आरोप लगाया कि एनसीपी शिवसेना को खत्म करने की योजना बना रही है. जिन पूर्व NCP विधायकों को हमने हराया था, उन्हें अधिक पैसे दिए जा रहे थे. 


बागी विधायक महेश शिंदे ने कहा कि हम सभी विधायकों ने बार-बार मुख्यमंत्री से एनसीपी के अन्याय की शिकायत की थी लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ, इसलिए हमने एकनाथ शिंदे से शिवसेना को बचाने के लिए यह बड़ी भूमिका निभाने का आग्रह किया.


महेश शिंदे का क्या है आरोप?


शिवसेना के बागी विधायक महेश शिंदे ने डिप्टी सीएम पर निशाना साधते कहा कि वो मुख्यमंत्री की बात भी नहीं सुनते थे. हमारी यानी की सभी विधायकों वर्षा बंगले पर मीटिंग हुई थी जहां पर हमने मुख्यमंत्री और अधिकारियों से पूछा था कि उन्होंने हमें कितने पैसे दिए इसका आंकड़ा दीजिए. अधिकारियों ने हमें ग़लत आंकड़ा दिया जिसके बाद हमने अपना आंकड़ा दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आपने और एनसीपी के नेताओं ने हमारा विश्वास घात किया है पर उसमें कुछ भी बदलाव नहीं हुआ.


हारने वाले विधायकों को मिले ज्यादा पैसे?


शिवसेना के विधायकों को 50-55 करोड़ रुपए मतदार संघ के लिए दिए गए जबकि राष्ट्रवादी के विधायकों को 700-800 करोड़ से ज़्यादा पैसे दिए गए. हमने हमारे मतदार संघ में जिन राष्ट्रवादी के नेताओं को चुनाव के समय हराया था उन्हें हमसे ज़्यादा पैसे विकास के लिए डिप्टी सीएम के कार्यालय से दिया गया. 


'CM से सिर्फ आश्वासन मिला लेकिन सुधार नहीं हुआ'


महेश शिंदे (Mahesh Shinde) ने आगे आरोप लगाया कि बीच में तो ऐसा भी था उन्हें पैसे दिए जाते थे और हमें किसी भी कार्यक्रम में नहीं बुलाया जाता था. हमारी तीन बार मीटिंग मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ हुई. उन्होंने हमें बहुत आश्वासन दिया था पर कहीं भी सुधार नहीं हुआ. कई बार तो मुख्यमंत्री ने कई चीजों पर स्टे दिया पर उस स्टे को डिप्टी सीएम ने नहीं माना और हमारे मतदार संघ में उनके लोगों द्वारा विकास करवाकर उसका उद्घाटन करवाया जाता था और ऐसा कई बार हुआ है.


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