(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Political Crisis: शिवेसना में बढ़ती बगावत के बीच संजय राउत बोले, गुलाम बनने से बेहतर...
संजय राउत ने कहा कि चर्चा से ही रास्ता निकल सकता है. आप आकर बातचीत कीजिए. घर के दरवाजे अभी भी खुले हैं. आप इधर-उधर क्यों भटक रहे हो. गुलाम बनने से बेहतर की स्वाभिमान से निर्णय लो.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में इन दिनों अस्थिरता का माहौल है. बगावत की वजह से सीएम उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) नीत सरकार संकट में है. एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के साथ शिवसेना (Shiv Sena) के विधायक असम (Assam) में डेरा डालकर बैठे हैं. ऐसे में वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने विधायकों को संबोधित करते हुए एक ट्वीट किया है.
अपने ट्वीट में संजय राउत ने कहा कि चर्चा से ही रास्ता निकल सकता है. आप आकर बातचीत कीजिए. घर के दरवाजे अभी भी खुले हैं. आप इधर-उधर क्यों भटक रहे हो. गुलाम बनने से बेहतर की स्वाभिमान से निर्णय लो.
चर्चेतून मार्ग निघू शकतो.
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 23, 2022
चर्चा होऊ शकते.
घरचे दरवाजे उघडे आहेत..
का उगाच वण वण भटकताय?
गुलामी पत्करण्यापेक्षा स्वाभिमानाने निर्णय घेऊ!
जय महाराष्ट्र!
विधायक लौटें तो एमवीए छोड़ने को भी तैयार- संजय राउत
मीडिया से बात करते हुए संजय राउत (Sanjay Raut) ने कहा कि असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों का समूह अगर अगले 24 घंटे में मुंबई लौटता है तो शिवसेना महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी (MVA) सरकार से निकलने के लिए तैयार है. वहीं, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि हम बीजेपी को सत्ता में आने से रोकने के लिए उनके (शिवसेना) साथ हैं. हम फ्लोर टेस्ट के लिए तैयार हैं. हम एमवीए के साथ हैं और रहेंगे.
शिंदे के साथ शिवसेना के 37 बागी विधायक
एकनाथ शिंदे वर्तमान में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ गुवाहाटी में डेरा डाले हुए हैं, जिसने पार्टी के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को संकट में डाल दिया है. एमवीए सरकार में एनसीपी (NCP) और कांग्रेस (Congress) भी साझेदार हैं.
मांगों को लेकर क्या बोले संजय राउत
संजय राउत ने संवाददाताओं से कहा, "आप कहते हैं कि आप असली शिवसैनिक हैं और पार्टी नहीं छोड़ेंगे. हम आपकी मांग पर विचार करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते आप 24 घंटे में मुंबई वापस आएं और सीएम उद्धव ठाकरे के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करें. ट्विटर और व्हाट्सऐप पर चिट्ठी मत लिखिए."