Maharashtra Political Crisis: शरद पवार की पार्टी एनसीपी को उनके ही अपने भतीजे अजित पवार ने दो फाड़ कर दिया है. अजित पवार ने बीजेपी और एकनाथ शिंदे की सरकार को अपना समर्थन दिया और डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठ गए. पवार परिवार में इस बगावत को लेकर खूब चर्चा हो रही है और कहा जा रहा है कि ये कलह काफी पहले से चल रही थी. इस पर अब एनसीपी चीफ शरद पवार ने जवाब दिया है. उन्होंने कहा है कि चाहे कुछ भी हो, लेकिन परिवार में कोई भी दिक्कत नहीं है. 


किसी भी विधायक से नहीं की बात- पवार
एनडीटीवी के साथ इंटरव्यू में शरद पवार ने बताया कि परिवार में कोई समस्या नहीं है. हम परिवार में राजनीति पर चर्चा नहीं करते हैं, परिवार में हर किसी को अपना फैसला लेने का हक है और वो ऐसा करता है. इस इंटरव्यू के दौरान शरद पवार ने साफ किया कि उन्होंने फिलहाल किसी भी विधायक से बात नहीं की है और वो अभी किसी के संपर्क में नहीं हैं. उन्होंने बताया कि वो सतारा के लिए रवाना हो रहे हैं. जहां वो स्वतंत्रता सेनानी वाईबी चव्हाण के स्मारक का दौरा करेंगे. 


जयंत पाटिल ले रहे कानूनी सलाह 
अपने ही विधायकों के विद्रोह के ठीक बाद दिए इंटरव्यू में शरद पवार ने कानूनी लड़ाई को लेकर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा कि इसे लेकर प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल कानूनी सलाह ले रहे हैं. कानूनी लड़ाई कैसे लड़ी जाएगी वो पाटिल ही तय करेंगे. इस दौरान शरद पवार ने इस बात के संकेत भी दिए कि इस बगावत का विपक्षी एकजुटता पर कोई असर नहीं पड़ेगा. बता दें कि 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तमाम बड़े विपक्षी दल एक साथ आ रहे हैं, इनमें शरद पवार का नाम भी सबसे बड़े नेताओं में शामिल है. 


शरद पवार ने बताया कि विपक्षी दलों की अगली बैठक बेंगलुरु में होने जा रही है. जिसमें तमाम बड़े विपक्षी नेता शामिल होंगे. ये बैठक 16 जुलाई से 18 जुलाई के बीच कभी भी हो सकती है. उन्होंने बताया कि विपक्षी दलों की इस बैठक में आगे का एजेंडा तय किया जाएगा. 


दरअसल पिछले लंबे समय से चल रही खींचतान के बीच शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने राजभवन पहुंचकर राज्यपाल से मुलाकात की और दावा किया कि उनके पास 40 विधायकों का समर्थन है. इसके बाद उन्होंने अपने करीबी विधायकों के साथ मिलकर शपथ भी ले ली. इस सियासी उलटफेर के बाद अब शरद पवार के अगले कदम का सभी को इंतजार है. 



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