मुंबई: महाराष्ट्र में शाम के 7:30 बजे तक सरकार गठन को लेकर शिवसेना को अपना रुख साफ करना है. इससे पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी से समर्थन की अपील की. ठाकरे दिन में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से मिले. उसके बाद शाम में उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को फोन किया. सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी ने उद्धव ठाकरे से कहा कि मुझे पहले अपने विधायकों से बात करने दीजिए.


बता दें कि कांग्रेस ने हॉर्स ट्रेडिंग की डर से अपने विधायकों जयपुर के होटल में रखा है. सोनिया गांधी ने नई दिल्ली में शिवसेना से समर्थन को लेकर पार्टी नेताओं के साथ बैठक की. इस बैठक में महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज च्व्हाण, राजीव सातव, अहमद पटेल और एके एंटनी मौजूद थे.


इसी बैठक के बाद दौरान सोनिया गांधी ने अपने विधायकों को फोन किया और सभी से शिवसेना को समर्थन देने को लेकर राय मांगी. सूत्रों के मुताबिक, ज्यादातर विधायकों ने शिवसेना को बाहर से समर्थन देने की बजाय सरकार में शामिल होने की बात पर जोर दिया.


बीजेपी और शिवसेना के बीच गतिरोध बढ़ने के बाद कांग्रेस के 44 और एनसीपी के 54 विधायकों की भूमिका अहम हो गई है. शिवसेना के पास 56 विधायक हैं. महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है और तीनों दलों के विधायकों को जोर दिया जाए तो यह संख्या 154 पर पहुंच जाती है.


जानिए- उस उद्वव ठाकरे को, जिन्हें राजनीति विरासत में मिली, अब सीएम बनने जा रहे हैं


बता दें कि 24 अक्टूबर को आए चुनाव नतीजों में बीजेपी 105 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. हालांकि 2014 के विधानसभा चुनाव के मुकाबले बीजेपी को 17 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा. बीजेपी और शिवसेना दोनों गठबंधन कर चुनाव लड़ी थी लेकिन बीजेपी की कम हुई सीटों को देखते हुए बीजेपी से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग कर डाली. बीजेपी ने इससे इनकार कर दिया और पार्टी ने राज्यपाल से मिलकर कहा कि उसके पास सरकार बनाने के लिए बहुमत नहीं है.


राज्यपाल ने रविवार को शिवसेना को सरकार बनाने के लिए न्योता दिया. अब शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी का समर्थन हासिल कर सरकार गठन करना चाहती है.


उद्धव ठाकरे हो सकते हैं महाराष्ट्र के नए सीएम, आदित्य के नाम पर एनसीपी का वीटो- सूत्र