Shiv Sena MLA Membership Cancellation: महाराष्ट्र में जारी सियासी संकट के बीच शिवसेना (Shiv Sena) के नवनियुक्त विधायक दल के नेता अजय चौधरी (Ajay Choudhari) ने महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Legislative Assembly) के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है जो विधायक दल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे.
गौरतलब है कि मंगलवार को एकनाथ शिंदे के बगावत करने के बाद शिवसेना ने शिंदे को महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी के विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया था. शिंदे की जगह अजय चौधरी को विधायक दल का नेता बनाया गया था. इसके बाद शिवसेना की ओर से बुधवार को व्हिप जारी कर विधायकों को विधायक दल की बैठक में बुलाया गया था. जिसमें बागी विधायक नहीं पहुंचे थे.
इन विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की
इसी को लेकर अब अजय चौधरी ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर उन विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है जो बैठक में शामिल नहीं हुए थे. एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 12 बागी विधायकों के खिलाफ सदस्यता रद्द करने की याचिका दी गई है. अन्य विधायकों के नाम हैं- अब्दुल सत्तार, संदीपान भुमरे, प्रकाश सुर्वे, तानाजी सावंत, महेश शिंदे, अनिल बाबर, यामिनी जाधव, संजय शिरसाट, भरत गोगावले, बालाजी किणीकर और लता सोनावणे.
क्या बोले शिवसेना सांसद अरविंद सावंत?
इसको लेकर शिवसेना (Shiv Sena) सांसद अरविंद सावंत (Arvind Sawant) ने बताया कि हमने डिप्टी स्पीकर के समक्ष याचिका दायर की है और मांग की है कि 12 विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी जानी चाहिए क्योंकि वे कल की बैठक में शामिल नहीं हुए थे. उन लोगों ने गलत किया है इसलिए ये नौबत आई है. उनकी सदस्यता रद्द होगी, हमारी नहीं होगी, नौबत उन पर आई है. उन्होंने खुद ये आ बैल मुझे मार वाली स्थिति पैदा की है. हमने नोटिस देकर बोल दिया था कि आपके ऊपर कानूनी कार्रवाई करेंगे. जो कानूनन ठीक नहीं है वह कैसे होगा. हां कुछ लोग जरूर वापस आना चाहते हैं, उनको अवसर दे दिया है.
एकनाथ शिंदे का पलटवार
इस पर एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) का बयान भी सामने आया है. शिंदे ने कहा कि 12 विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की अर्जी देकर आप हमें डरा नहीं सकते. क्योंकि हम आदरणीय शिवसेना (Shiv Sena) प्रमुख बालासाहेब ठाकरे (Bal Thackeray) के असली शिवसेना और शिव सैनिक हैं. आप किसे डराने की कोशिश कर रहे हैं? हम आपके निर्माण और कानून को भी जानते हैं. संविधान की 10वीं अनुसूची के अनुसार व्हिप विधानसभा कार्य के लिए है, बैठकों के लिए नहीं. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के कई फैसले हैं.
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