एकनाथ शिंदे के दांव से महाराष्ट्र में होगा सत्ता उलटफेर या उद्धव ठाकरे की बच जाएगी कुर्सी? जानें क्या है समीकरण
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों की संख्या 287 है. बहुमत के लिए 144 सीटों का समर्थन होना चाहिए.
Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र के सियासत में चल रहे उठापटक के बीच उद्धव सरकार (Uddhav Government) पर संकट के बादल छाए हुए हैं. जिस तरह से बागी विधायकों की संख्या बढ़ रही है उससे यह सवाल लोगों की जुबान पर है कि कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर चल रही उद्धव सरकार बचेगी या गिरेगी? शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने दावा किया कि गुवाहटी में 39 विधायक उनके साथ वहां मौजूद हैं और उन्हें 45 से 50 विधायकों का समर्थन मिल सकता है. एक तरफ जहां शिवसेना के बागी विधायक, जो गोवाहाटी में हैं उनकी संख्या में और बढ़ात्तरी होने वाली है वहीं दूसरी तरफ उद्धव और शरद पवार सरकार बचाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. उधर, अटकलें लगाई जी रही है कि बीजेपी और शिंदे के बीच नए समीकरण पर बातचीत हो सकती है. आइये जानते हैं कि सीटों का समीकरण क्या कहता है.
क्या कहता है सीटों का समीकरण
महाराष्ट्र विधानसभा में सदस्यों की संख्या 287 है. बहुमत के लिए 144 सीटों का समर्थन होना चाहिए. महाविकास अघाड़ी सरकार को 169 विधायकों को समर्थन हासिल है. उधर विपक्ष के पास 113 विधायक हैं. इसमें बीजेपी के 106, आरएसपी के 1, जेएसएस के 1 और 5 निर्दलीय विधायक शामिल हैं. इस बीच अगर एकनाथ शिंदे 30 विधायकों को लेकर बीजेपी में जाते हैं तो उद्धव सरकार अल्पमत में आ सकती है. फिलहाल शिवसेना के पास विधानसभा में सिर्फ 20 विधायक बचे हैं. पहले शिवसेना के पास 55 विधायक थें लेकिन अब केवल 20 विधायक ही उनके समर्थन में बचे हैं.
वहीं NCP अपने 53 विधायकों को जोड़े रखने में कामयाब रही है. तो कांग्रेस की तरफ से कमलनाथ ने मार्चा संभाला है और वो भी अपने 44 विधायकों को फिलहाल एकजुट रखने में कामयाब रहे हैं. वहीं दूसरे खेमे में बीजेपी के 106 विधायक हैं जो इस वक्त अलग तरह की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं. शिंदे के साथ गोवाहाटी के रेडिशन ब्लू होटल में फिलहाल बेजेपी के 35 विधायक हैं. हालांकि मिली जानकारी के अनुसार कुछ और विधायक भी उन्हें जल्द ज्वाइन कर सकते हैं. शिंदे का दावा है कि करीब 46 से 50 के विधायकों का समर्थन रहेगा. वहीं अन्य 20 विधायकों के समर्थन के साथ ही सरकार के खिलाफ ये आंकड़ा 161 पर पहुंच जाता है. और सरकार के साथ हो जाते हैं 117 विधायकों का समर्थन और सरकार बनाने के लिए 144 का आंकड़ा चाहिये.
निर्दलियों का होगा अहम रोल
अब ऐसी परिस्थिति में निर्दलीय अहम रोल में आ जाती है अगर अन्य छोटी पार्टियों के 2 से 3 विधायक ठाकरे सरकार का साथ छोड़ देते हैं तो सरकार के लिए विधानसभा में बहुमत साबित करना मुश्किल हो जाएगा. एनसीपी के दो विधायक जेल में होंने भी सरकार के लिए दिक्कत का विषय है, जिसके चलते राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में वे वोट भी नहीं दे सके. अब देखना यह है कि यह संख्या किसकी तरफ झुकती है.
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