Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में बागी विधायकों की अयोग्यता के मुद्दे को लेकर शिवसेना (यूबीटी) ने आक्रामक रुख अपना लिया है. विवादास्पद मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष को कार्रवाई के लिए 15 दिनों की समय सीमा तय कर दी है. उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना के नेता अनुल परब ने कहा है कि वो उम्मीद करते हैं कि स्पीकर 15 दिनों के अंदर कार्रवाई करेंगे.


इंडिया टुडे के मुताबिक, उद्धव गुट का तर्क है कि विधानसभा स्पीकर राहुल नारवेकर खुद एक वकील हैं और वो प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से समझते हैं. इस मामले से जुड़ी हर चीज रिकॉर्ड पर भी है. उद्धव ठाकरे ने आक्रामक होते हुए कहा कि बीजेपी के विधानसभा स्पीकर ने अगर निर्धारित समय सीमा में कार्रवाई नहीं की तो उनके पास सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का भी विकल्प है.


क्या कहना है राहुल नारवेकर का?


वहीं, इस मामले पर राहुल नारवेकर का कहना है कि सबसे पहले तो ये तय करना होगा कि राजनीतिक दल के रूप में असली शिवसेना वाला कौन सा गुट है. इसके बाद विधायकों की अयोग्यता वाले मामले का निपटारा किया जाएगा. फिलहाल राहुल नारवेकर लंदन में हैं. उन्होंने कहा, “मैं सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करता हूं. शीर्ष कोर्ट ने जो विधानसभा स्पीकर को जिम्मेदारी सौंपी है उसमें मैं उचित समय के अंदर पूरा करूंगा. सभी याचिकाकर्ताओं को बयान देने और अपना पक्ष रखने का समय दिया जाएगा.”


नारवेकर ने यह भी दावा किया कि सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को अयोग्य घोषित करने के उनके पक्ष को बरकरार रखा है. अदालत ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समेत 16 विधायकों के खिलाफ दायर अयोग्यता याचिका पर फैसला करना स्पीकर का विशेषाधिकार होगा. उन्होंने कहा, “मैं लगातार कह रहा हूं कि (इस मामले पर) अध्यक्ष को फैसला करना है.” नारवेकर ने कहा, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि राजनीतिक दल का सचेतक उसके विधायी विंग के खिलाफ क्या मायने रखता है. इसलिए यह पहले तय करना होगा कि कौन सा गुट शिवसेना के राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करता है.


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