Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र में अजित पवार (Ajit Pawar) की बगावत के बाद एनसीपी (NCP) पर संकट के बादल छा गए हैं. अजित पवार ने एनसीपी के कई नेताओं को साथ लेकर शिंदे सरकार को समर्थन दिया. उन्होंने रविवार (2 जुलाई) को महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम (Deputy CM) के तौर पर शपथ ली. अजित पवार ने शपथ लेने के बाद एनसीपी पार्टी और उसके चुनाव चिह्न पर भी दावा कर दिया. इसी बीच एनसीपी ने जितेंद्र आव्हाड (Jitendra Awhad) को विधानसभा में विपक्ष का नेता और मुख्य सचेतक (Chief Whip) नियुक्त किया है.


जितेंद्र आव्हाड (59) ठाणे की मुंब्रा-कलवा सीट से लगातार तीन बार से महाराष्ट्र विधानसभा के सदस्य हैं. महाराष्ट्र में उन्होंने पहले 2014 में चिकित्सा शिक्षा और बागवानी मंत्री और 2019 से 2022 तक आवास और अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री के रूप में कार्य किया है. 


कौन हैं जितेंद्र आव्हाड?


एनसीपी के गठन के बाद, आव्हाड को 1999 में यूथ एनसीपी के पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना गया था. इसके बाद वे 2002 में एमएलसी के रूप में चुने गए. 2009 में उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और मुंब्रा-कलवा सीट से बड़े अंतर से जीत हासिल की. इसके बाद वे दो बार कैबिनेट मंत्री भी रहे. आव्हाड ने मुंबई विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि भी प्राप्त की है. 


अजित पवार की बगावत पर क्या कहा?


महाराष्ट्र विधानसभा में एलओपी के रूप में अपनी नियुक्ति के बाद विधायक जितेंद्र आव्हाड ने अयोग्यता और दल-बदल के संबंध में कहा कि पार्टी के सभी विधायकों को मेरे व्हिप का पालन करना होगा. आव्हाड ने कहा कि मुझे इन नेताओं के शिंदे सरकार में शामिल होने के फैसले के पीछे कोई अन्य कारण नहीं दिखता. ये केंद्रीय एजेंसियों की ओर से की जा रही जांच के कारण वहां गए हैं. 


जितेंद्र आव्हाड ने कहा कि इसकी कोई जरूरत नहीं थी. वे नेता अलग बैठ सकते थे. इन नेताओं को ये नहीं भूलना चाहिए कि पार्टी ने पिछले 25 वर्षों में उन्हें मंत्री बनाया है. अब वे अपने नेता शरद पवार ऐसे वक्त पर साथ छोड़ रहे हैं. जब वे शायद राजनीति में अपने आखिरी कुछ वर्षों के पड़ाव पर हैं. 


5 जुलाई को शरद पवार ने बुलाई बैठक


वहीं महाराष्ट्र एनसनपी अध्यक्ष जयंत पाटिल ने कहा कि हमारे जो मुख्य सचेतक थे वे वहां जाकर मंत्री हो गए हैं. उनकी जगह हमने जितेंद्र आव्हाड को नेता विपक्ष और मुख्य सचेतक नियुक्त करने का निर्णय लिया है. महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी का जो गठबंधन है हमारी नीति उसमें रहने की है. जो लोग गए हैं उन्होंने पार्टी के खिलाफ निर्णय लिया है. 5 जुलाई को शरद पवार के नेतृत्व में महाराष्ट्र जिले के सभी कार्यकर्ता और नेताओं की बैठक होगी. 


अजित पवार ने एनसीपी पर किया दावा


इससे पहले रविवार को कई एनसीपी विधायकों को साथ लेकर अजित पवार राज्य के उपमुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए. पवार के साथ वरिष्ठ नेता छगन भुजबल, धनंजय मुंडे और दिलीप वाल्से पाटिल सहित आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने भी मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद अजित पवार ने पार्टी पर दावा करते कहा कि सभी विधायक मेरे साथ हैं, हमने एक पार्टी के रूप में समर्थन दिया है. हम आगे भी एनसीपी के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ेंगे. 


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