महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का विधानसभा में बड़ा दावा, स्टिंग ऑपरेशन से मची हलचल
Maharashtra Politics: इस स्टिंग में इस बात की भी जानकारी का दावा है कि मीडिया को कौन सी खबर लीक करनी है, और कैसे मीडिया द्वारा फिल्माए जाने के लिए सबूत प्लांट करना है.
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार 8 मार्च को विधानसभा में एक स्टिंग ऑपरेशन के जरिए कई सनसनीखेज दावे कर दिए. कितने भाजपा नेताओं से बदला लेने की साजिश रची जा रही है, इसका पूरा लेखा-जोखा पेश कर सरकार पर आरोप लगाए गए. उन्होंने यह आरोप लगाया कि ये महाविकास अघाड़ी सरकार का महा कत्तलखाना है और कई महानायक इस खेल में शामिल हैं.
फडणवीस ने लगाए कई गंभीर आरोप
फडणवीस ने 125 घंटे के इस स्टिंग ऑपरेशन के गिने चुने 29 अलग-अलग पेनड्राइव के जरिए साजिश को उजागर करने का दावा किया. इसमें भाजपा नेता गिरीश महाजन पर झूठे आरोप लगाकर किस तरह उन्हें फंसाने की कोशिश की गई, उनके साथ कुल 28 लोगों के खिलाफ झूठी एफआईआर कैसे दर्ज की गई, किस तरह इसका पूरा ड्राफ्ट सरकारी वकील ने तैयार किया, इसका पूरा ब्योरा है. फडणवीस ने कहा कि, इस मामले में पूरी एफआईआर इस सरकारी अधिवक्ता ने तैयार की है और छापेमारी के दौरान पूरी प्लानिंग भी की है. नशीले पदार्थों के धंधे का जिक्र डालने का आग्रह भी है, ताकि मोक्का जैसा केस लगे, इसलिए कैसे सरकारी स्तर पर बैठकें हुईं, मुख्यमंत्री से लेकर पुलिस आयुक्त तक, पुलिस महानिदेशक का पूरा जिक्र है. इस स्टिंग ऑपरेशन में पूरी कहानी खुद सरकारी वकील बता रहे हैं.
इस स्टिंग में इस बात की भी जानकारी का दावा है कि मीडिया को कौन सी खबर लीक करनी है, और कैसे मीडिया द्वारा फिल्माए जाने के लिए सबूत प्लांट करना है. कथित स्टिंग में वकील ये भी स्वीकार कर रहे हैं कि रेकी तो पहले ही हो चुकी है ताकि सबूत लगाते समय कहीं भी कैमरे न हों. अनिल गोटे का इन वकीलों से सीधा संवाद भी है, फोन कॉल्स हैं, यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में हुई बैठकों का ब्योरा है. उन्होंने ये भी पूरी कहानी बताई है कि कैसे साहेब कभी तस्वीर में नहीं आते और थाने की डायरी में दर्ज नहीं होना चाहते, इसलिए वह पर्दे के पीछे से निर्देश देते हैं.
वसूली से लेकर झूठे मुकदमे दर्ज करने के आरोप
इसमें यह भी दावा किया गया है कि देवेंद्र फडणवीस, चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, जयकुमार रावल, सुभाष देशमुख, सुधीर मुनगंटीवार, चंद्रशेखर बावनकुले आदि कैसे निशाने पर हैं और उन्हें कैसे खत्म किया जाएगा और इससे किसे फायदा होगा. साथ ही बताया गया है कि कैसे अनिल देशमुख ने न केवल तबादलों में, बल्कि अन्य स्रोतों से भी पैसा कमाया, छगन भुजबल को जज ने पैसे लेकर कैसे छोड़ा. ये भी दावा किया गया है कि मुंबई में एक वकील है जो जजों को मैनेज करती है. स्टिंग के आगे के दावों में बताया गया है कि, संजय राउत से वक्त लेकर आगे क्या नियोजन करना है, भविष्य में किस जगह, किसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करनी है, नवाब मलिक ने अरेस्ट के बाद क्या बयान देना है, इसमें भी देवेंद्र फडणवीस को कैसे फंसाया जा सकता है, रश्मि शुक्ला मामले में क्या राय देनी है, उन्हें राजनीतिक नेताओं कितनी खुली छूट दी गई है, और साथ ही जयंत पाटिल के साथ बातचीत भी इसमें शामिल है. कुल मिलाकर इस सनसनीखेज स्टिंग ऑपरेशन ने राज्य की सियासत में हलचल मचा दी है.
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