Maharashtra Politics: दीपावली हिंदुओं के लिए बहुत बड़ा पर्व है और इसे लेकर महाराष्ट्र में सियासत भी शुरू हो गई है. बीजेपी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) के गढ़ में दिवाली (Deepawali) मनाने का फैसला किया है. बीजेपी (BJP) की ओर से युवा सेना नेता आदित्य ठाकरे (Aditya Thackeray) के विधानसभा क्षेत्र यानी वर्ली के जंबोरी मैदान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. ये कार्यक्रम 19 से 23 अक्टूबर के बीच आयोजित होंगे.
हिंदुओं को लुभाने के लिए नवरात्रि के समय मराठी डांडिया के बाद, बीजेपी 19 से 23 अक्टूबर के बीच वर्ली इलाक़े में मराठी कलाकारों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का जश्न मनाने जा रही है. बीएमसी (BMC) चुनाव नज़दीक है, ऐसे में इसका मकसद भी साफ है.
उद्धव ठाकरे के गढ़ में बीजेपी मनाएगी दिवाली
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली नई सरकार ने दो साल के अंतराल के बाद त्योहारों के दौरान इस तरह के समारोहों को प्रोत्साहित किया है. इससे पहले, MVA की सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान त्योहार पर होने वाले समारोहों पर प्रतिबंध लगाया था. वहीं, शिंदे-फडणवीस की सरकार ने दही हांडी, गणेश उत्सव और नवरात्रि सहित हर हिंदू त्योहार को धूमधाम से मनाने की अनुमति दी थी.
बीएमसी चुनाव से पहले वर्ली सीट पर फोकस
बता दें कि आगामी बीएमसी चुनाव से पहले बीजेपी आदित्य ठाकरे के नेतृत्व वाली वर्ली सीट पर निशाना साध रही है. पार्टी स्थानीय लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में है. कट्टर मराठी क्षेत्र लालबाग में मराठी डांडिया मनाने के बाद पार्टी ने वर्ली क्षेत्र में कार्यक्रम आयोजित करने का फैसला किया है. मुंबई का यह इलाक़ा शिवसेना पार्टी के समर्थकों के लिए जाना जाता है और आदित्य ठाकरे पहली बार 2019 में इसी वर्ली सीट से चुने गए थे.
अधिक से अधिक लोगों को बीजेपी से जोड़ने की कोशिश
बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि पार्टी अब वर्ली (Worli) इलाक़े पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है ताकि आगामी चुनावों में उस इलाक़े में उनकी जीत सुनिश्चित की जा सके. सूत्रों ने आगे बताया कि हम वहां के लोगों तक पहुंच रहे हैं और दीपावली (Deepawali) के समय कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. चूंकि इस इलाक़े में मराठी की एक बड़ी आबादी है, इसलिए हमने मराठी कलाकारों को प्रदर्शन के लिए आमंत्रित करने वाले कई कार्यक्रमों को आयोजित किया है ताकि ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को बीजेपी (BJP) से जोड़ा जा सके.
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