Jairam Ramesh On SC Verdict: सुप्रीम कोर्ट ने शिवसेना (शिंदे गुट) के 16 विधायकों की अयोग्यता के मामले में गुरुवार (11 मई) को फैसला सुनाया. कोर्ट ने पूर्व की स्थिति बहाल करने से इनकार करते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने बहुमत साबित करने से पहले इस्तीफा दे दिया था इसलिए यथास्थिति को बहाल नहीं किया जा सकता है. अब इस मामले पर कांग्रेस (Congress) की ओर से भी प्रतिक्रिया सामने आई है. 


कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एमवीए सरकार को गिराने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि- पहला राज्यपाल ने जो किया अवैध थे. दूसरा स्पीकर के फैसले भी अवैध थे. तीसरा व्हिप नियुक्त करना भी अवैध था. मेरे वरिष्ठ सहयोगी अभिषेक सिंघवी के शब्दों में, शिंदे-फडणवीस शासन के पास सत्ता पर रहने का क्या नैतिक अधिकार बचा है? मुंबई में डबल इंजन सरकार तीन गुना अवैध है." 


सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?


इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सदन में बहुमत साबित करने के लिए राज्यपाल का उद्धव ठाकरे को बुलाना उचित नहीं था क्योंकि उनके पास मौजूद सामग्री से इस निष्कर्ष पर पहुंचने का कोई कारण नहीं था कि ठाकरे सदन में बहुमत खो चुके हैं. 






सात जजों की पीठ के पास भेजा मामला


कोर्ट ने आगे कहा कि चूंकि उद्धव ठाकरे ने विश्वास मत का सामना किए बिना इस्तीफा दे दिया था, इसलिए राज्यपाल ने सदन में सबसे बड़े दल भारतीय जनता पार्टी के कहने पर सरकार बनाने के लिए शिंदे को आमंत्रित करके सही किया. कोर्ट ने साथ ही ये भी कहा कि शिंदे गुट के भरत गोगावाले को शिवसेना का व्हिप नियुक्त करने का विधानसभा अध्यक्ष का फैसला अवैध था. कोर्ट ने इस मामले को सात जजों की बेंच के पास भेज दिया है.


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