Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी का एक धड़ा भी अब सरकार में शामिल हो चुका है. इससे पहले एकनाथ शिंदे ने शिवसेना को तोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था, यानी अब कुल तीन दल मिलकर महाराष्ट्र की सत्ता चला रहे हैं. दोनों बड़े विपक्षी दलों के बागी विधायकों का सहारा लेते हुए महाराष्ट्र की सरकार चल रही है. इसे लेकर विपक्षी दल लगातार बीजेपी पर हमलावर हैं. इसी बीच कांग्रेस के सीनियर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने महाराष्ट्र सरकार पर कटाक्ष किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि ये सरकार उन्हें ‘‘तीन पैरों वाले ऐसे जानवर’’ की तरह लगती है जो 100 मीटर की दौड़ लगा रही है.
चिदंबरम ने कसा तंज
चिदंबरम ने शिवसेना (शिंदे गुट), एनसीपी (अजित पवार गुट) और बीजेपी की गठबंधन वाली सरकार पर तंज कसा और उसे एक तीन पैर वाला जानवर बता दिया. इसे लेकर पी चिदंबरम ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार तिहरे इंजन वाली सरकार है. ये मुझे तीन पैरों वाले ऐसे जानवर की तरह लगती है जो 100 मीटर की दौड़ लगा रही है.’’
अजित पवार की बगावत के बाद हलचल
महाराष्ट्र में दो जुलाई को एक आश्चर्यजनक घटनाक्रम में शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) उस समय दो फाड़ हो गई जब उनके भतीजे अजित पवार और अन्य विधायक सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) गठबंधन में शामिल हो गए. अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री और आठ अन्य एनसीपी नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद से ही विपक्षी नेता बीजेपी पर हमलावर हैं. विपक्ष आरोप लगा रहा है कि बीजेपी ईडी-सीबीआई का डर दिखाकर विधायकों को अपने पाले में खींचने का काम कर रही है.
कांग्रेस पर भी मंडरा रहा खतरा
महाराष्ट्र में तीन बड़े विपक्षी दल थे, जिन्होंने 2019 में चुनाव नतीजों के बाद सरकार बनाई थी. इनमें शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल थी, लेकिन पिछले साल एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे से अलग होकर बगावत कर दी और अपने साथ 40 विधायकों को लेकर बीजेपी के साथ चले गए. नतीजा ये हुआ कि उद्धव ठाकरे की सरकार गिर गई और बीजेपी और शिंदे ने मिलकर सरकार बना ली. इसके बाद अब कुछ ही दिनों पहले शरद पवार के भतीजे अजित पवार ने भी शिंदे की राह पर चलते हुए करीब 30 से ज्यादा विधायकों के साथ पार्टी तोड़ दी और बीजेपी से हाथ मिला लिया.
अब कांग्रेस ही महाराष्ट्र में अकेला ऐसा विपक्षी दल बचा है, जिसके विधायक फिलहाल एकजुट दिख रहे हैं. शिवसेना और एनसीपी के टूटने के बाद कांग्रेस 44 विधायकों के साथ महाराष्ट्र में सबसे बड़ा विपक्षी दल है. ऐसे में पार्टी को चिंता सता रही है कि कहीं उसके विधायक भी पाला न बदल लें. इसके लिए हाल ही में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की अध्यक्षता में दिल्ली में एक बैठक बुलाई गई. जिसमें महाराष्ट्र से जुड़े तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई.
ये भी पढ़ें - Supreme Court: कॉलेजियम क्यों जरूरी? सप्रीम कोर्ट में दो जजों की नियुक्ति के बाद CJI चंद्रचूड़ ने बताया