(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारे को लेकर रस्सा कस्सी तेज, कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कसा तंज
महाराष्ट्र की बीजेपी-शिवसेना की सरकार में एनसीपी के अजित पवार गुट के शामिल होने के बाद से अब राज्य में विभागों के बंटवारे को लेकर शुरू हुई रस्सा कस्सी जारी है.
Maharashtra Politics: अजित पवार के नेतृत्व में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में हुई बगावत से महाराष्ट्र में सियासी तापमान बढ़ गया है. डिप्टी सीएम अजित पवार सहित नौ लोगों ने मंत्री पद की शपथ तो तो ले ली है, लेकिन इन्हें कोई विभाग अभी तक नहीं दिया गया है.
उप-मुख्यमंत्री अजित पवार और प्रफुल्ल पटेल दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे हैं. इसी बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने तंज कसते हुए कहा कि ट्रिपल इंजन सरकार की वैसी ही स्थिति है जैसे कि तीन पैरों वाला एक जानवर 100 मीटर की रेस जीतने की कोशिश कर रहा हो.
क्या बोले पी चिदंबरम?
1. पी चिदंबरम ने ट्वीट करके कहा कि राज्य के सीएम और दो डिप्टी सीएम इस बात का दावा कर रहे हैं कि उनकी सरकार ट्रिपल इंजन की सरकार है.
2.राज्य में ट्रिपल इंजन सरकार की वैसी ही स्थिति है जैसे कि तीन पैरों वाला एक जानवर 100 मीटर की रेस जीतने की कोशिश कर रहा हो.
3. महाराष्ट्र में नव नियुक्त 9 मंत्रियों के पास करने को कोई काम नहीं है क्योंकि उनको अभी तक उनके विभाग आवंटित नहीं किए गए हैं.
4. देवेंद्र फड़णवीस सहित अन्य 20 मंत्रियों में से कोई भी अपना विभाग नहीं छोड़ना चाहता है.
5. अंत में नौ मंत्रियों ने एक समाधान खोजते हुए कहा कि इस घोषणा करें कि इस सरकार में शपथ लिए 9 नए मंत्री बिना पोर्टफोलियो वाले मंत्री होंगे.
The CM and the two Deputy CMs of Maharashtra claim that their government is a triple-engine government
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 12, 2023
It seems to me like a three-legged animal which is running a 100 metre race
Nine new ministers in Maharashtra do not have any work --because portfolios have not be allotted to…
गृह मंत्री के साथ बैठक के बाद क्या बोले प्रफुल्ल पटेल?
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि यह एक औपचारिक मुलाकात थी और वह यहां कोई मुद्दा लेकर नहीं आये थे. उन्होंने कहा, अगर हमारे मुद्दे होते तो हम सरकार में शामिल ही नहीं होते. यह एक शिष्टाचार भेंट थी. यह केवल समीक्षा बैठक थी. इसका राजनीति से कुछ लेना देना नहीं है.