Maharashtra Politics: 'शिंदे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं, बंगले में मौजूद हथियारों को तुरंत जब्त करें फडणवीस'- सामना में किया गया कटाक्ष
Maharashtra Politics: सामना में लिखा गया है कि जिस अजित पवार को फडणवीस चक्की पिसवाने की बात कर रहे थे, उसी के साथ बैठकर अब विभागों के बंटवारे पर बैठक कर रहे हैं.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सियासी घमासान के बीच शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना के जरिए एक बार फिर बीजेपी पर निशाना साधा है. इस बार सामना के संपादकीय में लिखा गया है कि महाराष्ट्र में भाजपा ने जो किया है, उससे पूरे देश में उसकी छी: थू हो रही है. अब तो सिर्फ मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या को ही अपनी पार्टी में शामिल कराकर उन्हें पद देना बाकी रह गया है. इन तीनों में से एक को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, दूसरे को नीति आयोग और तीसरे को देश के रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया जाना चाहिए. क्योंकि भ्रष्टाचार, लूटमार, नैतिकता अब उनके लिए कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है.
चक्की पिसवाने की कही थी बात
सामना में लिखा गया है कि सिंचाई घोटाले के चलते अजित पवार को चक्की पीसने के आरोप में जेल जाना पड़ेगा, ऐसा देवेंद्र फडणवीस बार-बार बोल रहे थे, लेकिन उन्हीं अजित पवार ने फडणवीस की मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली और सोमवार को यही ‘चक्की पिसिंग’ फडणवीस के ‘सागर’ बंगले में बैठकर अपने गुट के लिए विभागों का बंटवारा कर रहे थे, आश्चर्य ही है”.
शिंदे को लेकर भी कसा तंज
शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिंदे को लेकर भी तंज कसा गया है. इसमें लिखा है- विभाग बंटवारे की चर्चा मुख्यमंत्री के ‘वर्षा’ बंगले पर होनी चाहिए थी, लेकिन अजित पवार और उनका गुट पहुंचा ‘सागर’ पर... इसे आश्चर्य ही कहा जाएगा. मुख्यमंत्री की यह अवस्था असहज है और दिन-ब-दिन और दयनीय होती जाएगी. राष्ट्रवादी कांग्रेस और अजित पवार के कारण हमें शिवसेना छोड़नी पड़ी, ऐसी गर्जना करने वाले घाती गुट के एक मंत्री गुलाबो पाटील का राजभवन में अजित पवार के चरणों में लोटना ही बाकी रह गया था. राष्ट्रवादी के कारण शिवसेना छोड़ी, फिर उन्हीं के पैरों में लोटने वालों के उतरे चेहरों को देखकर लोग हंस रहे थे.
'शिंदे की मानसिक स्थिति ठीक नहीं'
सामना में आगे लिखा गया, राष्ट्रवादी हमारे साथ सत्ता में शामिल हुई तो हम सरकार से बाहर हो जाएंगे, ऐसी गर्जना करने वाले घाती गुट के सभी प्रवक्ता अचानक से गायब हो गए हैं. मुख्यमंत्री की तो बोलती ही बंद हो गई है. घाती गुट के एक मंत्री, सावंतवाड़ी के दीपू केसरकर ने पंद्रह दिन पहले ही कहा था, ‘अगर बगावत विफल हो जाती तो शिंदे ने अपने ही सिर पर पिस्टल चला ली होती. उस समय उनकी मानसिक अवस्था बहुत ही खराब थी, लेकिन अजित पवार के शपथ ग्रहण के बाद मुख्यमंत्री की मानसिक स्थिति सूरत और गुवाहाटी से भी ज्यादा ही खराब हो गई होगी. इसलिए गृहमंत्री फडणवीस को ‘वर्षा’ बंगले के सभी हथियार तुरंत सरकार के पास जमा करा लेने चाहिए.
'अब क्या करेंगे देवेंद्र फडणवीस?'
सामना में देवेंद्र फडणवीस पर भी चुटकी ली गई है और कहा गया है कि अब वो किसे चक्की पीसने जेल भेजने वाले हैं? इसमें लिखा है- श्रीमान फडणवीस की भी स्थिति इससे अलग नहीं है. अजीत पवार, हसन मुश्रीफ, भुजबल, प्रफुल्ल पटेल, इन सभी के उनके तंबू में सम्मानपूर्वक प्रवेश करने से अब वे चक्की पीसने के लिए किसे भेजनेवाले हैं? मुलुंड के पोपटलाल, अंजलिबाई दमानिया अब क्या करें? भुजबल के विरुद्ध क्या कम अभियान चलाया था? सिंचाई घोटाले के ही गाड़ी भर सबूतों को लेकर फडणवीस बैलगाड़ी पर सवार हुए थे. उन्होंने तो जेल में नवाब मलिक के बगल वाली कोठरी इन सभी के लिए आरक्षित ही कर रखी थी. अब फडणवीस क्या करेंगे? ‘सागर’ बंगले पर इस मंडली के साथ कूल्हे से कूल्हा मिलाकर विभागों का बंटवारा करने की नौबत मोदी-शाह ने उन पर लाद दी.
फडणवीस पहले मुख्यमंत्री थे, बाद में शिंदे के कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री बने. अब अजीत पवार भी पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री बन गए हैं. इस वजह से फडणवीस आधे उपमुख्यमंत्री रह गए हैं. महाराष्ट्र की यह अवस्था मतलब ‘एक फुल, दो हाफ’ की तरह हो गई है. लेकिन जो फुल है वह भी ‘डाउटफुल’ होने से चिंताग्रस्त चेहरे के साथ घूम रहा है. ‘एक (डाउट) फुल, टू हाफ’, यह नई फिल्म राज्य में लगी है, पर लोगों ने इसका बहिष्कार कर दिया है!
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