Maharashtra Eknath Shinde Team: महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट के बीच सियासी जंग जारी है. इस बीच मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना धड़े ने महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में बहुमत परीक्षण जीतने के बाद उद्धव ठाकरे गुट के विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है. शिंदे गुट ने नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को उद्धव ठाकरे गुट के 16 विधायकों को सरकार का समर्थन करने के लिए व्हिप का उल्लंघन करने के लिए निलंबित करने के लिए एक याचिका दी है. हालांकि इसमें पूर्व मंत्री और उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के बेटे आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) का नाम शामिल नहीं है.


न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे गुट के नए मुख्य सचेतक भरत गोगावाले (Bharat Gogawale) ने कहा कि पार्टी के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के सम्मान में उनके पोते आदित्य ठाकरे का नाम इस लिस्ट में नहीं डाला गया है.


अयोग्यता सूची में आदित्य ठाकरे का नाम नहीं


एकनाथ शिंदे गुट के नए मुख्य सचेतक भरत गोगावले ने कहा है कि हमने आदित्य ठाकरे को छोड़कर व्हिप की अवहेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए नोटिस दिया है. हमने बालासाहेब ठाकरे के प्रति सम्मान के कारण आदित्य ठाकरे का नाम नहीं दिया है. शिंदे गुट ने दावा किया है कि यह पार्टी के दो-तिहाई से अधिक विधायकों के समर्थन के आधार पर असली शिवसेना है. वोटिंग के दौरान भी ठाकरे खेमे का एक विधायक बागियों में शामिल हो गया था, जिससे उनकी संख्या 40 हो गई. शिवसेना के कुल 55 विधायक हैं.


एकनाथ शिंदे गुट का आरोप


इसके साथ ही एकनाथ शिंदे गुट ने बालासाहेब ठाकरे की विरासत पर भी दावा किया है. तर्क दिया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी के साथ अपने गठबंधन से शिवसेना को कमजोर किया है. बता दें कि मौजूदा 287 सदस्यीय विधानसभा में 164 विधायकों ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लाए गए विश्वास प्रस्ताव के लिए मतदान किया. जो 144 के साधारण बहुमत से काफी ऊपर था. 99 विधायकों ने शिंदे गुट के खिलाफ मतदान किया.


वोटिंग के दौरान कई विधायक रहे अनुपस्थित


महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) में कुल मिलाकर 263 विधायकों ने वोट डाला. तीन विधायक अनुपस्थित रहे. मतदान के दौरान ज्यादातर कांग्रेस और एनसीपी (NCP) के बीस विधायक अनुपस्थित रहे. जानकारी के मुताबिक महाराष्ट्र में सरकार बनाने के बाद एकनाथ शिंदे की नजर पार्टी पर अपना कब्जा जमाने की भी है. बता दें कि शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की बगावत की वजह से महाराष्ट्र की सियासत बदल गई है और वो सीएम की कुर्सी पर बैठने में कामयाब रहे.


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