Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में भले ही सरकार को लेकर खड़ा हुआ संकट थम गया हो, लेकिन राज्य में अब एक और घमासान शुरू हो गया है. सियासी तूफान से उठी चिंगारी ने शिवसेना (Shiv Sena) के अंदर आग लगा दी है. पहले विधायक और अब पार्टी के सांसद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) से दूरी बनाते दिख रहे हैं. पार्टी में उठे इस तूफान को लेकर बुधवार को भी दिनभर हलचल रही. उद्धव ठाकरे को पार्टी के नेता आनंदराव अड़सुल (Anandrao Adsul) ने झटका दिया. उन्हें पार्टी की बैठक में बुलाया गया था, लेकिन उन्होंने बैठक में आने में असमर्थता जताई और उद्धव ठाकरे से फोन पर बात करके इस्तीफा दे दिया. 


वहीं उद्धव ठाकरे की ओर से भी बड़ा फैसला लिया गया. उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बुधवार को सांसद भावना गवली की जगह राजन विचारे को लोकसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक के रूप में नामित किया. महाराष्ट्र के यवतमाल-वाशिम निर्वाचन क्षेत्र से सांसद भावना गवली ने एकनाथ शिंदे के द्वारा की गई बगावत के दौरान शिवसेना को भाजपा के साथ आने का सुझाव दिया था. बता दें कि, शिवसेना के लोकसभा में 18 और राज्यसभा में तीन सांसद हैं. 


12 सांसद शिंदे गुट में होंगे शामिल?


वहीं पार्टी के बागी विधायक गुलाब राव पाटिल ने बुधवार को दावा किया कि 18 सांसदों में से 12 जल्दी ही एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि शिंदे गुट पार्टी का गौरव बहाल करेगा. पाटिल पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे सरकार में मंत्री रह चुके हैं. उन्होंने कहा कि हमारे (बागी गुट) पास 55 में से 40 विधायक हैं और 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ रहे हैं. फिर पार्टी किसकी हुई? मैंने चार सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की है. हमारे साथ 22 पूर्व विधायक भी हैं. 


पार्टी के सिंबल पर भी किया दावा


गुलाब राव पाटिल ने साथ ही पार्टी के सिंबल पर भी दावा ठोक दिया. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाला धड़ा पार्टी के चुनाव चिह्न ‘तीर कमान’ का असली हकदार है. वहीं उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाले खेमे ने इस दावे पर विरोध दर्ज कराया है. पाटिल ने कहा कि पार्टी के 12 सांसद और 22 पूर्व विधायक भी शिंदे का समर्थन कर रहे हैं. हम पार्टी के चुनाव चिह्न तीर कमान के असली हकदार हैं. 


इससे पहले एकनाथ शिंदे नीत धड़े ने सोमवार रात उद्धव ठाकरे खेमे के 14 विधायकों को शिवसेना के मुख्य सचेतक और शिंदे के करीबी भरत गोगावले द्वारा जारी व्हिप का उल्लंघन करने पर नोटिस जारी किया.  हालांकि उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे को सम्मान स्वरूप नोटिस नहीं दिया गया. 


किसकी होगी शिवसेना?


गोगावले द्वारा जारी व्हिप में शिवसेना के सभी विधायकों से विश्वास मत में एकनाथ शिंदे के पक्ष में मतदान करने को कहा गया था. महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने रविवार को गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में मान्यता दी थी. बहरहाल शिवसेना (Shiv Sena) किसकी, इसको लेकर दोनों गुटों में रस्साकशी जारी है. उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट के विश्वस्तों ने अपने-अपने समूह के असली शिवसेना होने का दावा किया है. 


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