(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Maharashtra Politics: संकट में उद्धव सरकार, NCP और कांग्रेस नियंत्रित विभागों में सरकारी प्रस्ताव जारी करने की मची होड़
Maharashtra: महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के समय यानी 20 से 23 जून के बीच विभिन्न विभागों ने कुल 182 सरकारी आदेश (जीआर) जारी किए.
Maharashtra Politics Crisis: महाराष्ट्र (Maharashtra) में शिवसेना (Shiv Sena) के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (MVA) सरकार पर मंडराते खतरे के बीच राज्य सरकार के विभिन्न विभागों द्वारा बीते चार दिनों में विकास संबंधी कार्यों के लिए हजारों करोड़ रुपये की निधि जारी करने का आदेश दिए गए. जिन विभागों द्वारा निधि जारी की गई है उनमें से अधिकांश गठबंधन सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस (Congress) के नियंत्रण वाले हैं. बता दें कि महाराष्ट्र की सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन सरकार में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस शामिल है.
राज्य सरकार द्वारा जारी ये सभी आदेश महाराष्ट्र सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद हैं. सरकार की वेबसाइट पर मौजूद डेटा के अनुसार, महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के समय यानी 20 से 23 जून के बीच विभिन्न विभागों ने कुल 182 सरकारी आदेश (जीआर) जारी किए. जबकि, 17 जून को 107 ऐसे सरकारी आदेश पारित किए गए. आपको बता दें कि तकनीकी तौर पर इन्हें सरकारी प्रस्ताव (जीआर) कहा जाता है. जो विकास संबंधी कार्यों के लिए धन जारी करने की मंजूरी देने वाला एक आवश्यक अनुमोदन आदेश होता है.
विभागों में लगी जाआर जारी करने की होड़
आंकड़ों के अनुसार, 20 से 23 जून के बीच, सोमवार को सबसे कम 28 जीआर जारी किए गए. अगले दिन 21 जून को 66 जीआर जारी किए गए. पिछले दो दिन में 22 और 23 जून को सरकार ने 44 और 43 आदेश जारी किए. सोमवार से राकांपा और कांग्रेस के नियंत्रण वाले विभागों में जीआर जारी करने की होड़ मच गई और इस अवधि में जारी 182 आदेशों में से 70 प्रतिशत से अधिक आदेश इन दलों द्वारा नियंत्रित विभागों ने ही जारी किए.
कांग्रेस द्वारा नियंत्रित राज्य जनजातीय विकास विभाग द्वारा कुल 1,000 करोड़ रुपये से अधिक के जीआर जारी किए गए. राज्य के उप मुख्यमंत्री एवं राकांपा नेता अजीत पवार के नियंत्रण वाले वित्त विभाग की ओर से जारी एक जीआर के बाद स्थानीय क्षेत्र विकास निधि बढ़कर कुल 319 करोड़ रुपये हो गयी है.
बीजेपी ने राज्यपाल से की ये गुजारिश
सत्तारूढ़ दल द्वारा जारी इन मंजूरी को लेकर बीजेपी ने एतराज जताया है. बीजेपी ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से इन प्रस्तावों पर रोक लगाने की मांग की है. बता दें कि महाराष्ट्र के जल आपूर्ति एवं स्वच्छता विभाग के मंत्री गुलाबाराव पाटिल ने 17 जून को एक ही दिन में 84 से अधिक जीआर जारी किए. इनमें से अधिकतर आदेश धन की मंजूरी, प्रशासनिक मंजूरी और विभिन्न जलापूर्ति योजनाओं पर काम करने वाले कर्मचारियों के वेतन से संबंधित थे. भाजपा नेता प्रवीण दारेकर ने शुक्रवार को राज्यपाल कोश्यारी से हस्तक्षेप करने और सरकार द्वारा पारित “जीआर की भीड़” पर अंकुश लगाने की अपील की. उन्होंने राज्यपाल को एक पत्र लिखा जिसमें मांग की, पिछले 48 घंटों में एमवीए द्वारा लगभग 160 सरकारी प्रस्ताव जारी किए गए, जो संदिग्ध लग रहे हैं. मैं आपसे इस मामले में हस्तक्षेप करने और इस पर अंकुश लगाने का अनुरोध करता हूं.”
संकट में उद्धव ठाकरे की सरकार
गौरतलब है कि साल 2019 में महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने के बाद से मौजूदा राज्य सरकार अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने अपनी ही पार्टी और सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक रखा है. एकनाथ शिंदे अपने बागी विधायक समर्थकों के साथ सूरत होते हुए असम में डेरा जमाए हुए हैं. बता दें कि मौजूदा उद्धव सरकार पर संकट के बादल 20 जून को विधान परिषद के चुनावों के कुछ घंटों बाद से ही छाने लगे थे. जब बीजेपी अपने पांचवें उम्मीदवार को जितवाने में सफल रही. परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे से पार्टी का संपर्क टूट गया. शिंधे फिलहाल गुवाहाटी के एक होटल में शिवसेना के 37 बागी विधायकों और 9 निर्दलीय विधायकों के साथ ठहरे हुए हैं.
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