Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चल रही चाचा-भतीजे की लड़ाई में भतीजे ने बाजी मारते हुए पार्टी के करीब 30 विधायकों को अपने पाले में खींच लिया है और चाचा को ही बाहर का रास्ता दिखा दिया है. अजित पवार को एनसीपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया है. इसी बीच ये भी जानकारी सामने आई है कि डिप्टी सीएम बनने से ठीक पहले 30 जून को बुलाई गई एक बैठक में ही अजित पवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित कर दिया गया था, इतना ही नहीं चुनाव आयोग में पार्टी और चुनाव चिन्ह पर दावा भी कर दिया गया था. अब इसे लेकर अजित पवार गुट के सांसद उमेश पाटिल ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है. पाटिल ने कहा कि 30 जून को हुई बैठक में वो शामिल नहीं हुए थे और उन्हें इस बैठक की कोई जानकारी नहीं है.
एनसीपी सांसद के इस इंटरव्यू की क्लिप शेयर करते हुए आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, क्या मजाक चल रहा है महाराष्ट्र में? अजित पवार गुट के प्रवक्ता से पूछा गया “किस राष्ट्रीय कार्यकारिणी में अजीत पवार राष्ट्रीय अध्यक्ष बने?” प्रवक्ता ने कहा “मुझे नही मालूम”
चाचा के मुकाबले भतीजे ने दिखाया दम
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार अपने चाचा शरद पवार की तुलना में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अधिक विधायकों का समर्थन होने से संख्या के इस खेल में उनसे आगे नजर आ रहे हैं. दोनों गुटों ने अपना शक्ति प्रदर्शन करने के लिए अलग-अलग बैठकें कीं, जिससे पार्टी पर नियंत्रण हासिल करने के लिए उनके बीच लड़ाई और तेज हो गई है. पार्टी के दोनों गुटों के सूत्रों ने बताया कि अजित पवार गुट द्वारा बुलाई गई बैठक में एनसीपी के 53 में से 32 विधायक शामिल हुए, जबकि एनसीपी चीफ की तरफ से आयोजित बैठक में 18 विधायक मौजूद थे.
एसीपी के गठन के 24 साल बाद दो जुलाई को इसमें हुई टूट के बाद पहली बार पार्टी की अलग-अलग बैठकें हुईं. शरद पवार ने शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल होने को लेकर अपने भतीजे अजित पवार की आलोचना की. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तंज कसे. पार्टी के शरद पवार और अजित पवार गुटों ने क्रमश: दक्षिण मुंबई के यशवंतराव चव्हाण सेंटर और उपनगर बांद्रा में भुजबल नॉलेज सिटी में अपनी-अपनी बैठकें कीं.
शरद पवार को भतीजे की सलाह
पार्टी के 53 में से 32 विधायकों और कार्यकर्ताओं के बीच मौजूद अजित पवार ने अपने 83 वर्षीय चाचा शरद पवार को याद दिलाया कि उनके सक्रिय राजनीति से ‘रिटायर’ होने का समय आ गया है. अजित पवार ने अपने गुट की बैठक में कहा, ‘‘भाजपा में, नेता 75 वर्ष की आयु में रिटायर हो जाते हैं, आप कब होने जा रहे हैं.’’ अजित (63) ने कहा, ‘‘हर किसी की अपनी पारी होती है. सबसे सार्थक समय 25 से 75 वर्ष की उम्र तक होता है.’’ उन्होंने जब ये टिप्पणी की, उस वक्त अजित पवार खेमे के 75 वर्षीय सदस्य छगन भुजबल मंच पर मौजूद थे. भुजबल, एकनाथ शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल किये गये नए मंत्री हैं.