Maharashtra Politics: महाराष्ट्र सरकार के मंत्री और बीजेपी नेता चंद्रकांत पाटिल ने रविवार (11 दिसंबर) को आरोप लगाया कि सुनियोजित हमले के तहत उन पर स्याही फेंकी गई. इसके साथ ही पाटिल ने दावा किया कि समाज सुधारकों बाबासाहेब अंबेडकर और महात्मा फुले पर उनके बयान को कुछ लोगों ने तोड़-मरोड़ कर पेश किया.


उल्लेखनीय है कि स्याही फेंकने की घटना शनिवार को यहां पिंपरी चिंचवड़ में पाटिल के उस बयान के विरोध में हुई जिसमें उन्होंने कहा था कि अंबेडकर और फुले ने शैक्षणिक संस्थान चलाने के लिए सरकारी अनुदान नहीं मांगा था. पाटिल ने कहा था कि स्कूल और कॉलेज शुरू करने के उद्देश्य से धन इकट्ठा करने के लिए भीख (दान) मांगी थी.


10 पुलिसकर्मी निलंबित
प्रदेश के उच्च और तकनीकी शिक्षा विभाग के मंत्री पाटिल की ओर से प्रयोग किये गये ‘भीख’ शब्द के कारण विवाद पैदा हुआ जिसके बाद स्याही फेंकने की यह घटना हुई है. पिंपरी चिचवड़ पुलिस ने इस घटना के लिए तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और तीन अधिकारियों समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.


रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में पाटिल ने कहा कि एक पत्रकार ने प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ मिल कर उन पर हमले की योजना बनायी . उन्होंने मामले की जांच कराने की मांग की है .


कायराना है हमला
सरकार में कैबिनेट मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि कुछ लोगों ने मेरे बयान को तोड़ा मरोड़ा और कायराना तरीके से मुझ पर हमला किया गया. यह एक सुनियोजित हमला था. मैं जिला कलेक्टर को साक्ष्य उपलब्ध करवाउंगा. 


पाटिल ने पुलिसकर्मियों का किया बचाव
पाटिल ने यह भी कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री (एकनाथ शिंदे) और उप मुख्यमंत्री (देवेंद्र फडणवीस) से आग्रह किया है कि उन पुलिसकर्मियों को निलंबित नहीं करें जो हमले के समय उनके साथ ड्यूटी पर थे. स्वयं का बचाव करते हुये पाटिल ने कहा कि उन्होंने बाबासाहेब अंबेडकर के नाम पर मराठवाड़ा विश्वविद्यालय का नाम बदलने के लिए कड़ी मेहनत की थी.


उन्होंने सवाल किया कि उन पर स्याही फेंकने वाले समूह में शामिल एक भी व्यक्ति ने अंबेडकर के कार्यों का अध्ययन किया है? पाटिल ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं अजित पवार और छगन भुजबल पर भी निशाना साधा.


बीजेपी ने किया विरोध प्रदर्शन
चंद्रकांत पाटिल ने एनसीपी नेता को निशाने  कहा कि अजीत पवार आज चुप क्यों हैं. भुजबल कह चुके हैं कि यह (स्याही फेंकना) एक स्वाभाविक प्रतिक्रिया है. ऐसे में स्याही उन पर भी फेंकी जानी चाहिए. मैंने बाबासाहेब (कार्यों) को पढ़ा है. रोहित पवार (कर्जत जमखेड़ से राकांपा विधायक) से कहो कि बाबासाहेब को पढ़े और उसके बाद मुझसे मुकाबला करने के लिए आओ.


उन्होंने कहा कि पुलिस को घटना की जांच के सिलसिले में अपना काम करने देना चाहिए और उन्होंने लोगों से कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की . बीजेपी ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग को लेकर दिन में कुछ जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया.


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