Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में शनिवार (10 जून) को एनसीपी में कार्यकारी अध्यक्ष पद के लिए सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल की नियुक्ति की गई. एनसीपी में हुए इस फेरबदल के बाद उद्धव गुट वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में इस बार अजित पवार पर निशाना साधा है. सामना में अजित पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का खिलाड़ी बताते हुए लिखा गया है कि अजित पवार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और उनके नेतृत्व वाला गुट बीजेपी के पत्थर पर पैर रखकर खड़ा है, ऐसा हमेशा कहा जाता है. सामना ने अपने इस संपादकीय का शीर्षक 'अब कहां रोटी बेली गई' रखा. 


सामना ने अजित पवार पर तंज कसते हुए लिखा ''अजित पवार बीजेपी के तंबू में जाकर वापस आ गए, यह उन पर दोष है और अजित पवार को ही इस दोष को हमेशा के लिए दूर करने की कोशिश करनी होगी. बीते कुछ दिनों से राष्ट्रवादी कांग्रेस के भूगर्भ में असंतोष का लावा उबल रहा था और उसका केंद्र बिंदु अजित पवार के होने की बात मीडिया कह‌ रही है.''


'अजित पवार को ही दोष को हमेशा के लिए दूर करना होगा'


सामना ने लिखा- ''अजित पवार महाराष्ट्र की राजनीति में एक खिलाड़ी हैं और राज्य के बाहर काम करने का उनका कोई इरादा नहीं है. अजित पवार ने स्पष्ट किया कि उनका सुझाव था कि सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया जाए. अजित पवार विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और उनके नेतृत्ववाला गुट बीजेपी के पत्थर पर पैर रखकर खड़ा है, ऐसा हमेशा कहा जाता है. दो-ढाई साल पहले उनका फडणवीस के साथ भोर में शपथ लेने का यह नतीजा है.''


सामना ने आगे लिखा- ''अजित पवार बीजेपी के तंबू में जाकर वापस आ गए, यह उन पर दोष है और अजित पवार को ही इस दोष को हमेशा के लिए दूर करने की कोशिश करनी होगी. राजनीति की विश्वसनीयता इस समय भयानक स्थिति में है. सुबह इस पार्टी में रहनेवाला नेता शाम को कहां विलीन हो गया होगा, यह कहा नहीं जा सकता. कुछ लोग इसे राजनीतिक शतरंज की चाल समझते हैं.''


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