Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और सीएम एकनाथ शिंदे (CM Eknath Shinde) गुट के बीच अभी तक खींचतान जारी है. उद्धव ठाकरे कैंप की शिवसेना को एक और झटका लगा है. मुंबई वर्ली से रविवार (2 अक्टूबर) को 100 शिवसैनिक एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हो गए हैं. शिवसेना के नेता और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) वर्ली से ही विधायक हैं. 


उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे दोनों ही अपने-अपने गुट को असली शिवसेना (Shiv Sena) बताने में लगे हुए हैं. दोनों ही गुट दशहरा रैली आयोजित करने का दावा कर रहे हैं.


उद्धव ठाकरे गुट का आरोप


सामना में साप्ताहिक कॉलम 'रोक ठोक' में उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने कहा कि एकनाथ शिंदे का यह दावा कि उनकी असली शिवसेना है, बीजेपी की चाल थी, न कि उनके अपने दिमाग की उपज. उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना का आरोप है कि एकनाथ शिंदे ईडी के डर से बीजेपी में गए थे.


टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक शिंदे गुट के नेताओं ने कहा कि शिवसेना, एनसीपी और मनसे से करीब 1,000 कार्यकर्ता शिंदे गुट में शामिल हुए. कई लोग कोली समुदाय से हैं और वर्ली कोलीवाड़ा से हैं जो सेना का गढ़ है. हालांकि अभी तक वर्ली से शिवसेना का कोई वरिष्ठ नेता शिंदे खेमे में शामिल नहीं हुआ है.


शिंदे की बगावत के बाद गिरी थी MVA सरकार


बता दें कि इसी साल जून के महीने में महाराष्ट्र की राजनीति (Maharashtra Politics) में बड़ा बदलाव हुआ था. राज्य में महाविकास अघाड़ी सरकार गिर गई थी. शिवसेना के विधायक एकनाथ शिंदे ने अपने 39 समर्थक विधायकों के साथ बगावत की थी. इन विधायकों का आरोप था कि एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना गठबंधन सही नहीं है.


शिंदे की बगावत से कई दिनों तक चले सियासी ड्रामे के बाद उद्धव ठाकरे ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. एकनाथ शिंदे ने अपने बागियों के साथ मिलकर बीजेपी के साथ सरकार बनाई थी. नई सरकार में एकनाथ सीएम तो वहीं, देवेंद्र फडणवीस डिप्टी सीएम की कुर्सी पर बैठे.


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