Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में सियासी घमासान खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. इस बीच शरद पवार ने दिल्ली पहुंचने पर कहा कि हम यहां किसी से नहीं मिलेंगे, हमारी मीटिंग है. उन्होंने कहा कि हम यहां यशवंत सिंन्हा के नॉमिनेशन के लिए आए हैं. दरअसल 27 जून को दिल्ली में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा अपना नामांकन करेंगे. उनके नामांकन में शामिल होने के लिए शरद पवार दिल्ली पहुंचे हैं. 


उन्होंने कहा कि जहां तक राष्ट्रपति के चुनाव की बात है तो ऐसा भी नहीं है कि हमलोगों की स्थिति बहुत खराब है. हम जितनी उनकी मदद कर सकेंगे करेंगे. शरद पवार ने संजय राउत के बयान पर कहा कि मैंने संजय राउत का स्टेटमेंट सुना नहीं है. महाविकास अघाड़ी को हमारा सहयोग है, और जारी रखेंगे. पवार ने आगे कहा कि हम आखिरी लाइन तक उद्धव ठाकरे को समर्थन देंगे. शिंदे साहब ने कल एक बयान दिया था, कि हमें नेशनल पार्टी का समर्थन है. तो इसका मतलब केवल बीजेपी रहती है. 


नहीं लगेगा राष्ट्रपति शासन


शरद पवार ने आगे कहा कि ये सच है कि एकनाथ शिंदे ने एक नए गठबंधन की बात कही है. लेकिन जहां तक हमारी पार्टी है हमारी नीति साफ है कि हमने सरकार को बनाया है तो उसको ही सपोर्ट करते रहेंगे. राज्य में राष्ट्रपति शासन आया तो जो एमएलए इधर-उधर गए हैं तो फिर कैसे काम चलेगा. मुझे नहीं लगता कि राष्ट्रपति शासन लगेगा.


वह ऐसे समय में दिल्ली पहुंचे हैं जब महाराष्ट्र में सियासी संग्राम मचा हुआ है. आज ही शिंदे गुट की अपील के बाद केंद्र सरकार ने ये फैसला लिया है कि बागी विधायकों के परिवारों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. दरअसल शनिवार 25 जून को एकनाथ शिंदे गुट ने केंद्रीय गृह सचिव और राज्यपाल को चिट्ठी लिख सुरक्षा मुहैया करवाने की अपील की थी. शाम तक सभी विधायकों के घर पर सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती कर दी जाएगी. इन विधायकों को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई है. 


महाराष्ट्र सरकार से भी मांगी थी सुरक्षा


वहीं दूसरी तरफ केंद्र सरकार से पहले एकनाथ शिंदे गुट ने महाराष्ट्र सरकार से भी अपने परिवार के लिए सुरक्षा मांगी थी. हालांकि इसके जवाब में राज्य सरकार की तरफ से कहा गया कि विधायकों की सुरक्षा में कोई कटौती नहीं की गई है. साथ ही जिन विधायकों के घरों पर तोड़फोड़ की गई, वहां पुलिसबल तैनात करने के निर्देश भी जारी किए गए थे. इसी बीच निर्दलीय सांसद नवनीत राणा ने भी बागी विधायकों के परिवार को सुरक्षा देने कि मांग की थी. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालातों में महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. हालांकि अब हालात को देखते हुए केंद्र सरकार की तरफ से बागी विधायकों को सुरक्षा मुहैया कराई जा रही है. 


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