Sena vs Sena: महाराष्ट्र में शिवसेना Vs शिवसेना की लड़ाई जारी है. अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट की शिवसेना के चीफ व्हिप भरत गोगावले (Bharat Gogawale) ने स्पीकर को पत्र लिखकर उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) गुट के 14 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की है. गोगावले ने कहा कि हमने व्हिप की अवहेलना करने वाले सभी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए नोटिस दिया है. बालासाहेब ठाकरे के प्रति सम्मान के कारण उनका (आदित्य ठाकरे का) नाम नहीं दिया है.
रविवार को विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने ठाकरे गुट से संबंधित सुनील प्रभु को हटाकर शिंदे खेमे के भरत गोगावले को शिवसेना के मुख्य सचेतक के रूप में नियुक्त किया था. इसके बाद गोगावले ने सभी विधायकों को विधानसभा की कार्यवाही में भाग लेने और उनके पक्ष में खड़े रहने के लिए व्हिप जारी किया था.
कोर्ट में है मामला
बता दें कि शिंदे गुट का कहना है कि वही असली शिवसेना है. वहीं उद्धव ठाकरे ने साफ कर दिया है कि शिंदे शिवसेना के मुख्यमंत्री नहीं हैं. शिवसेना में बगावत के बाद पार्टी ने शिंदे गुट के 16 विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग की थी. मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. इस मामले में 11 जुलाई को सुनवाई होगी.
पिछले महीने एकनाथ शिंदे ने शिवसेना के खिलाफ बगावत कर दी थी. पार्टी के अधिकतर विधायक उनके पाले में चले गए थे, जिस वजह से उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाड़ी सरकार गिर गई थी. उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के एक दिन बाद शिंदे ने बीजेपी की मदद से सरकार गठन का दावा किया. 30 जून को उन्होंने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसके बाद शिंदे ने आज सदन में बहुमत साबित किया.
शिवसेना सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिंदे (Eknath Shinde) के नेतृत्व वाले गुट की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि अलग हुआ समूह असली शिवसेना होने का दावा नहीं कर सकता. राज्यसभा सदस्य ने कहा, ''हम निश्चित रूप से इसे अदालत में लड़ेंगे. शिंदे गुट ने शिवसेना छोड़ दी, फिर वे कैसे दावा कर सकते हैं कि उनका समूह मूल पार्टी है, न कि उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के नेतृत्व वाला समूह. ठाकरे नाम शिवसेना का पर्याय है.''
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