Sharad Pawar Ajit Pawar Meeting: लोकसभा चुनाव में बीजेपी को चुनौती देने के मकसद से 26 दलों ने इंडिया (INDIA) नाम से महागठबंधन बनाया है. जिसमें महाराष्ट्र के बड़े दल भी शामिल हैं. इस महागठबंधन की अगली बैठक भी इस महीने के अंत में मुंबई में होगी. हालांकि इस बैठक से पहले एनसीपी चीफ शरद पवार (Sharad Pawar) और अजित पवार (Ajit Pawar) के बीच हुई मुलाकात ने इंडिया के सहयोगी दलों में हलचल बढ़ा दी है. 


महाराष्ट्र में इस विपक्षी गठबंधन के प्रमुख सदस्य शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ शरद पवार की बैठकों पर नाराजगी जताई है. अजित पवार बीते महीने एनसीपी से बगावत कर एनडीए में शामिल हो गए थे. शिवसेना (यूबीटी) ने सोमवार (14 अगस्त) को दावा किया एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बार-बार मुलाकात से एनसीपी प्रमुख की छवि धूमिल हो रही है. 


शिवसेना (यूबीटी) ने और क्या कहा?


शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि अजित पवार की शरद पवार (अपने चाचा) से बार-बार मुलाकात को देखना दिलचस्प है और एनसीपी प्रमुख भी इससे बच नहीं रहे हैं. ऐसी आशंका है कि बीजेपी के ‘चाणक्य’, अजित को शरद पवार से मिलने के लिए भेजकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. हालांकि इस तरह की मुलाकातें शरद पवार की छवि को धूमिल कर रही हैं और यह अच्छा नहीं है. 


शरद पवार ने दिया बयान


शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पुणे में एक व्यापारी के आवास पर हुई एक गुप्त बैठक के दो दिन बाद ये टिप्पणी आई है. अजित और शरद पवार के बीच इस बैठक ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी हैं. राज्य में शिवसेना (यूबीटी) और कांग्रेस की सहयोगी एनसीपी के प्रमुख शरद पवार ने कहा कि उनकी पार्टी बीजेपी के साथ नहीं जाएगी. हालांकि, उनके कुछ शुभचिंतक उन्हें मनाने का प्रयास कर रहे हैं. 


"अगली बैठक का सफल आयोजन करेंगे"


शरद पवार ने ये भी कहा कि अगर उनके भतीजे अजित पवार उनसे मुलाकात करते हैं तो इसमें गलत क्या है. उनकी मुलाकात को लेकर विपक्षी महा विकास आघाड़ी (एमवीए) में किसी प्रकार की भ्रम की स्थिति नहीं है. एमवीए एकजुट है और हम 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) की अगली बैठक का सफल आयोजन करेंगे. 


"इस खेल से जनता अब उदासीन हो चुकी है"


सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है कि रोजाना भ्रम की स्थिति पैदा करना अब लोगों की समझ से परे हो गया है. रोज-रोज के इस खेल से जनता अब उदासीन हो चुकी है. संपादकीय के मुताबिक, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने अजित और शरद पवार के बीच बैठक को दिलचस्प करार दिया है. शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि हम यह कहना चाहेंगे कि महाराष्ट्र सरकार में बीजेपी के साथ हाथ मिलाने का अजित पवार का फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के साथ अब तक का सबसे बड़ा मजाक बन गया है. 


संजय राउत क्या कुछ बोले?


राज्यसभा सांसद और शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शरद पवार की टिप्पणी पर कहा कि उनके भतीजे से मिलने में कुछ भी गलत नहीं है. फिर उनके समर्थक सड़कों पर क्यों लड़ रहे हैं. संजय राउत ने शरद पवार को महाराष्ट्र की राजनीति का "भीष्म पितामह" बताया और कहा कि उन्हें ऐसा कुछ भी नहीं करना चाहिए जिससे लोगों के मन में संदेह पैदा हो. 


(इनपुट पीटीआई से भी)


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