Maharashtra Politics: 'दशहरा रैली' को लेकर भिड़े उद्धव और शिंदे गुट के नेता, क्या है हालिया विवाद?
दशहरा रैली शिवसेना की पारंपरिक वार्षिक रैली है. शिवसेना में हालिया टूट के बाद जाहिर तौर पर उद्धव और एकनाथ शिंदे गुट इस रैली के जरिए शिवसेना पर अपना दावा मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र (Maharashtra) की सियासत में अब दशहरा रैली को लेकर नया विवाद शुरू हो गया है. शिवसेना (Shivsena) के दोनों गुट एक-दूसरे के सामने आ गये हैं. दशहरा रैली शिवसेना द्वारा आयोजित की जाने वाली पारंपरिक वार्षिक रैली है. शिवसेना में हालिया टूट के बाद जाहिर तौर पर उद्धव (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुट इस रैली के जरिए शिवसेना पर अपना दावा मजबूत करने का प्रयास करेंगे.
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और शिंदे गुट के नेता दीपक केसरक ने बयान जारी किया है. दीपक केसरक ने कहा कि शिंदे साहब ने अब तक दशहरा रैली को लेकर कोई चर्चा नही की है. यह बाला साहेब के विचारों वाली शिवसेना है, हम उनके विचारों के साथ आगे बढ़ेंगे. दशहरा रैली करनी है या नहीं करनी है इसको लेकर अभी तक कोई चर्चा नहीं की गई है, अगर इस विषय पर कोई बातचीत होती है तो सभी लोगों को इसकी जानकारी दी जाएगी.
'नहीं पैदा होने देंगे तनाव की कोई भी स्थिति'
दीपक केसरक आगे कहा कि किसी इवेंट को लेकर महारष्ट्र में तनाव की स्थिति नहीं पैदा होने दी जाएगी लेकिन हम परंपरा को टूटने भी नहीं देंगे. किसको परमीशन देनी है किसको परमीशन नहीं देनी है यह सब फैसले नियम के अनुसार लिये जाएंगे. गौरतलब है कि शिवसेना को लेकर लड़ाई कोर्ट की चौखट में है.
शिवसेना ने बीएमसी से मांगी इजाजत
शिवसेना के उद्धव गुट ने दशहरा रैली आयोजित किये जाने को लेकर बीएमसी से इजाजत मांगी है. यही नहीं खुद उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने सरकार को चुनौती देते हुए कहा कि दशहरा रैली शिवसेना की रही है, दशहरा रैली शिवसेना की ही रहेगी. उनके इस बयान के बाद शिंदे गुट के नेता ने कहा कि उद्धव गुट को दशहरा रैली करने का कोई अधिकार नहीं है क्योंकि उन्होंने हिंदुत्व की विचारधारा को त्याग दिया है. इन दोनों गुटों के बयानों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह रैली दोनों ही गुटों के लिए कितनी महत्वपूर्ण है.
भरत गोगवाले के बयान पर दी क्या सफाई?
वहीं महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government) में मंत्री और शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरक ने हाल ही में भरत गोगवाले के बयान पर सफाई देते हुए कहा कि गोगवाले खुद अपने बयान के लिए माफी मांग चुके हैं. उन्होंने शिवसेना विवाद (Shivsena) पर स्वीकार किया है कि न्यायालय में विचाराधीन किसी मामले पर इस तरह का बयान देना सही नहीं है. इसके लिए हम भी माफी मांगते हैं.
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