Uddhav Thackeray on Eknath Shinde: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) मुश्किल वक्त में बदलते नजर आ रहे हैं. कभी मीडिया से सीधे तौर पर बात नहीं करने वाले उद्धव ठाकरे ने आज मीडिया को अपने निवास स्थान मातोश्री में प्रेस कॉन्फ्रेंस के लिए निमंत्रण भेजा. पार्टी में फूट पड़ने के बाद बीते एक हफ्ते में उद्धव दो बार मीडिया से मुखातिब हुए. पहला मौका शिंदे सरकार के विधानसभा में फ्लोर टेस्ट पास करने के बाद था जब उद्धव दादर स्थित शिवसेना (Shiv Sena) भवन में पार्टी के सभी जिला प्रमुखों के साथ बैठक की. 


बैठक में उद्धव ठाकरे ने जिला प्रमुखों को संगठन को एक बार फिर से कैसे मजबूत किया जाए इसे लेकर काम करने के आदेश दिए. दूसरा मौका आज यानी शुक्रवार का दिन था जब उद्धव ठाकरे ने निवास स्थान मातोश्री में मीडिया से मुखातिब होकर पार्टी और पार्टी के चुनाव चिह्न पर मडरा रहे संकट को लेकर बात की है. इससे पहले एकनाथ शिंदे के बगावत से लेकर अपने इस्तीफे तक राज्य की जनता को सिर्फ फेसबुक लाइव के जरिए ही संबोधित किया था.


'चुनाव चिह्न कोई नहीं छीन सकता'
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान शिवसेना नेता अनिल परब और अनिल देसाई नजर आए. उद्धव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के शुरुआत में पार्टी के चुनाव चिह्न को लेकर चल रहे संकट को लेकर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि शिवसेना से उसका चुनाव चिह्न कोई नहीं छीन सकता है. जनता सिर्फ धनुष- बाण पर वोट नहीं करती है. वोट करते समय जनता ये देखती है कि धनुष-बाण किसके हाथ में है. उद्धव ने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा विश्वास है.


एकनाथ शिंदे पर तंज
उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) पर तंज कसते हुए कहा कि शिवसेना ने आम लोगों को खास बनाया है और यही शिवसेना की खासियत रही है. किसी एक के जाने से पार्टी खत्म नहीं होती है. विधायक जा रहे हैं लेकिन राज्य की जनता अभी भी हमारे साथ है. 


उद्धव ने आगे मुख्यमंत्री पर तंज करते हुए कहा कि सूरत जाने से अच्छा था कि मुझे अपनी सूरत दिखाते और सामने बैठकर बात करते. राज्य में चुनाव कराने की मांग करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर उनमें (एकनाथ शिंदे और बीजेपी) हिम्मत है तो चुनाव करवा कर देख लें, पता चल जाएगा कि राज्य की जनता किसके साथ है. 


अंत मे उद्धव (Uddhav Thackeray) ने बीजेपी (BJP) का नाम लिए बिना कहा कि जिन लोगों ने मेरे परिवार का अपमान किया, मेरे बेटे को जेल के अंदर डालने की कोशिश की, आपने उन लोगों के साथ हाथ मिलाया है. बगावत के बाद उद्धव ठाकरे मीडिया के जरिए अपनी बात रख रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ आदित्य ठाकरे (Aaditya Thackeray) निष्ठा यात्रा शुरू कर संगठन को मजबूत करने में जुट गए हैं.


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