Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे से किनारा कर बीजेपी के साथ सरकार बनाने को तैयार थे उद्धव ठाकरे, इस वजह से नहीं बनी बात
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चले सियासी घटनाक्रम की कई परतें खुलनीं अभी बाकी हैं. आने वाले हफ्तों में उद्धव ठाकरे अखबार ‘सामना’ को एक इंटरव्यू देने वाले हैं जिनमें कुछ और खुलासे हो सकते हैं.
Maharashtra Politics: 30 जून को महाराष्ट्र (Maharashtra) में जब एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) ने प्रदेश मुख्यमंत्री पद की शपथ ली तो उससे पहले पर्दे के पीछे काफी कुछ घटित हुआ. राज्य में शिंदे-बीजेपी की गठबंधन सरकार बनने के पहले क्या कुछ हुआ ये अब धीरे-धीरे बाहर आ रहा है. शिवसेना (Shiv Sena) के बागी विधायकों के गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर के मुताबिक जब शिंदे ने बगावत का ऐलान कर दिया तो उसके बाद उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) के बीच बातचीत हुई. इस बातचीत में ठाकरे ने फडणवीस से कहा कि शिंदे को अगर बाहर रखा जाए तो दोनों के साथ आने की बात हो सकती है लेकिन फडणवीस इसके लिए तैयार नहीं हुए.
इसलिए बीजेपी ने शिंदे के साथ सरकार बनाई
आखिर बीजेपी ने उद्धव के बजाय शिंदे के साथ सरकार बनाना क्यों पसंद किया. इसके पीछे कारण ये है कि साल 2014 में जब राज्य में बीजेपी-शिव सेना की सरकार बनी तब शिवसेना सरकार में रहते हुए भी विपक्ष के जैसा बर्ताव करती थी. दोनों पार्टियों के बीच अनबन की खबरें सामने आती रहती थीं.
शिव सेना के मुखपत्र ‘सामना’ में रोजाना बीजेपी विरोधी संपादकीय छपते थे. बीजेपी फिर से उसको दोहराना नहीं चाहती थी, इसलिए ठाकरे के बजाय शिंदे के साथ उसने सरकार बनाना बेहतर समझा.
दीपक केसरकर ने यह भी खुलासा किया कि नक्सलवादियों से खतरे को लेकर जब शिंदे को जेड सुरक्षा देने की बात आई तो उद्धव सरकार ने गृह मंत्रालय (Home Ministry) से उन्हें ये सुरक्षा न देने को कहा और शिंदे की जान को खतरे में डाला.
उद्धव को हो गया था आभास
इससे ये पता चलता है कि उद्धव शिंदे को पसंद नहीं कर रहे थे और उन्हें पहले से ही आभास हो गया कि आगे चलकर शिंदे उनके लिए मुसीबत बन सकते हैं. उद्धव ठाकरे के बाद शिंदे का कद शिवसेना में सबसे बडा था. साल 2019 में जब शिवसेना का मुख्यमंत्री बनाने की बात आई तो सबके मुंह पर एकनाथ शिंदे का ही नाम था लेकिन बाद में खुद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री बनना तय किया.
सियासी हलकों में माना जाता है कि शिंदे का राज्य के बड़े हिस्से में जनाधार था जिसने उन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार बना दिया था.
महाराष्ट्र में चले सियासी घटनाक्रम की कई परतें खुलनीं अभी बाकी हैं. आने वाले हफ्तों में उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) अपने अखबार ‘सामना’ को एक इंटरव्यू (Interview) देने वाले हैं जिनमें कुछ और खुलासे हो सकते हैं.
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