मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सरकारी कर्मचारियों को बड़ा तोहफा देते हुए सरकारी दफ्तरों को अब हफ्ते में 5 दिन काम करने का प्रस्ताव मंजूर किया है. यानी अब सरकारी, अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों को सप्ताह में वीकेंड पर 2 दिन की छुट्टी मिलेगी. अब मांग उठने लगी है कि अगर सरकारी कार्यालय सिर्फ 5 दिन काम कर रहे हैं तो उसी तर्ज पर महाराष्ट्र के स्कूल, जूनियर कॉलेज और सीनियर कॉलेज भी हफ्ते में 5 दिन खुले रहें.


यह मांग विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल ने राज्य के शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ से की है. कपिल पाटिल का कहना है कि, " राइट टू एजुकेशन के अनुसार पहली से पांचवी कक्षा तक के बच्चों को साल के 200 दिन यानि 800 घंटे की शिक्षा, जबकि छठवीं से आठवीं के बच्चों को साल में 220 दिन यानि 1000 घंटे तय किया गया है. बावजूद इसके शिक्षक और स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूलों को हफ्ते में 6 दिन तक चलाया जा रहा है. मुंबई जैसे शहर में पहले से सप्ताह में 5 दिन तक स्कूल जबकि शनिवार के दिन आधा दिन की पढ़ाई होती है. शिक्षकों की माने तो सप्ताह में बच्चों को 2 दिन छुट्टी छुट्टी देनी चाहिए. शहरी भागों में स्कूलों में पढ़ाने आने वाले शिक्षकों को भी प्रतिदिन की लंबी यात्रा और बदलते शिक्षा का परिवेश की वजह से शिक्षकों को तैयारी के लिए वक्त नहीं मिलता इसलिए शिक्षकों को भी सप्ताह में 2 दिन की छुट्टी देना आवश्यक है."


विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल ने सुझाव भी दिया है कि, आठवीं से दसवीं कक्षा के क्लास सोमवार से शुक्रवार सुबह 7 बजे से दोपहर 12:30 बजे तक चलें. जबकि लोअर प्राइमरी के क्लास जिसमें पहली से लेकर पांचवी कक्षा के क्लास आते हैं उनके क्लास दोपहर 1 बजे से लेकर 5:30 बजे तक चलें. लोअर प्राइमरी के क्लास साढे 4 घंटे से अधिक के ना हो. यह राइट टू एजुकेशन के मुताबिक है.


विधान परिषद सदस्य कपिल पाटिल ने महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री वर्षा गायकवाड़ को लिखे हुए पत्र में सप्ताह के 5 दिन स्कूल चलने के फायदे भी गिनाए हैं. पत्र में लिखा है कि शनिवार और रविवार को छुट्टी देने से स्कूलों में बिजली की खपत कम होगी. वीकेंड पर स्कूलों को बाहरी कार्यक्रम के लिए इमारत को व्यवसायिक उपयोग के लिए दिया जा सकता है.


महाराष्ट्र सरकार ने जो प्रस्ताव मंजूर किया है उसके मुताबिक सरकारी दफ्तर सप्ताह में 5 दिन खुले रहेंगे. सरकारी कर्मचारियों को शनिवार और रविवार को छुट्टी मिलेगी लेकिन इसके बदले इन कर्मचारियों को कामकाज के दिन 45 मिनट ज्यादा काम करना होगा.


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